मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को तोहफा दिया है। सरकार ने नेशनल पेंशन योजना के तहत पेंशन बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। हालांकि चुनावी आचार संहिता के चलते औपचारिक तौर पर इसकी घोषणा नहीं की गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में मूल वेतन पर सरकार के योगदान को 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी करने की मंजूरी दी गई।

मंत्रिमंडल ने गुरुवार को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में सरकार का योगदान बढ़ाकर मूल वेतन का 14 प्रतिशत कर दिया। यह फिलहाल 10 प्रतिशत है।

मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के 10 फीसदी तक योगदान के लिए आयकर कानून की धारा80 सी के तहत टैक्स छूट को भी मंजूरी दी। फिलहाल सरकार तथा कर्मचारियों का योगदान एनपीएस में 10-10 फीसदी है।

कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 फीसदी पर बना रहेगा जबकि सरकार का योगदान 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी कर्मचारियों को कुल फंड में से 60 फीसदी अंतरित करने को मंजूरी दी गई जो फिलहाल 40 फीसदी है।

सूत्रों ने कहा कि साथ ही कर्मचारियों के पास निश्चित आय उत्पादों या शेयर इक्विटी में निवेश का विकल्प होगा।

कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि कैबिनेट की बैठक में कई अहम निर्णय हुए। राजस्थान चुनाव के मद्दनेजर इनका औपचारिक एलान नहीं किया जा रहा है।

इससे पहले श्रम मंत्री संतोष गंगवान ने कहा कि न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये करने के प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय के पास भेज दिया गया है। सरकार इस पर जल्द फैसला करेगी।

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