Bulli Bai App: दिल्ली की एक अदालत ने बुल्ली बाई एप्प (Bulli Bai App) बनाने वाले नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि आरोपी द्वारा बनाए गए इस एप्प पर अपमानजनक और सांप्रदायिक कंटेंट है। ऐसा महिलाओं को बदनाम करने के लिए किया जा रहा था। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने कहा कि आरोप की व्यापकता और जांच के स्तर को देखते हुए इस स्तर पर जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता है।
Bulli Bai App मामले में जांच शुरुआती चरण में
कोर्ट ने कहा, ‘जमानत खारिज’ और कहा कि इस मामले की जांच शुरुआती चरण में है। पुलिस सबूत इकट्ठा करने और इस घृणित कृत्य में अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता की पहचान करने की प्रक्रिया में है।
अदालत ने कहा कि आरोपी का मकसद एक विशेष समुदाय की महिलाओं की गरिमा और समाज के सांप्रदायिक सद्भाव पर हमला करना है।
अदालत ने यह भी नोट किया कि तथ्यों से पता चलता है कि आरोपी ने “बुली बाई” एप्प बनाया, जहां महिला पत्रकारों और एक विशेष समुदाय की मशहूर हस्तियों को निशाना बनाया गया। महिलाओं का ऑब्जेक्टिफिकेशन कर उन्हें अपमानित किया गया।
विदित हो कि नीरज बिश्नोई (20) को पिछले हफ्ते दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट (IFSO) की टीम ने बुल्ली बाई मामले में असम से गिरफ्तार किया था।
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