सात नगर निगमों समेत 84 शहरी निकायों, 39 नगरपालिका परिषदों और 38 नगर पंचायतों के लिए 18 नवम्बर को मतदान हुआ था। उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव में मेयर और अध्यक्ष पद की 84 सीटों पर देर रात तक जारी मतगणना के बाद बुधवार की सुबह 83 सीटों के परिणाम जारी कर दिए गए हैं। इसमें 34 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है। जबकि कांग्रेस के खाते में 25 सीटें आई हैं। वहीं 23 सीटों पर जीत हासिल कर निर्दलीय प्रत्याशियों ने दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। जबकि बसपा ने एक सीट पर कब्जा किया। लेकिन आप, सपा और क्षेत्रीय पार्टी उक्रांद का सूपड़ा साफ हो गया।

बता दें कि मेयर की 7 सीटों में से देहरादून, हरिद्वार, काशीपुर, ऋषिकेश, रुद्रपुर, कोटद्वार और हल्द्वानी सीटों के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। इसमें पांच सीटों देहरादून, ऋषिकेश, काशीपुर, रुद्रपुर और हल्द्वानी में भाजपा का परचम लहराया। जबकि पहली बार अस्तित्व में आए कोटद्वार नगर निगम में कांग्रेस की हेमलता नेगी पहली मेयर चुनी गई हैं। वहीं हरिद्वार में भी कांग्रेस ने जीत हासिल की है।  चमोली जिले की पोखरी नगर पंचायत के अध्यक्ष के साथ ही एक वार्ड का परिणाम रोका गया है। वहां वार्ड सात के देवर बूथ के मतपत्रों पर पीठासीन अधिकारी के दस्तखत नहीं थे। मतगणना के दौरान जब इस बूथ की मतपेटी खुली तो ये बात सामने आई। इस मामले में चमोली की डीएम एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने संबंधित पीठासीन अधिकारी के निलंबन की संस्तुति करने के साथ ही बूथ में तैनात चार मतदानकर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा है।

जिला निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने पोखरी नगर पंचायत के इस वार्ड में 22 नवंबर को पुनर्मतदान के आदेश दिए हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट के अनुसार इस बूथ में 22 नवंबर को सुबह आठ से शाम पांच बजे तक मतदान होगा। मतदान के बाद  मतगणना होगी और फिर देर शाम तक परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही प्रदेश में वार्ड मेंबर की 1064 सीटों में से 1018 के परिणाम आ चुके हैं। बाकी की गणना जारी है।

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