लोग पहले अपने शारीरिक विकास और मनोरंजन के लिए घऱ के बाहर क्रिकेट, फुटबाल, हॉकी जैसे खेल खेलते थे। गर्मियों के दिनों में लोग घऱ में बैठकर शतरंज, कैरम जैसे इनडोर गेम खेलते थे। किंतु इस आधुनिक जमाने में अब इंटरनेट की दुनिया के गेम बच्चों को अपनी ओर खींच रहे हैं। बौद्धिक और शारीरिक रूप से कमजोर बनाते इन ऑनलाइन गेमों की लत लोगों को बहुत पहले से ही लग चुकी है किंतु अब ये गेम लोगों की जान लेने पर भी आमादा हो गए हैं।

blue whale suicide gameजी हां, मुंबई के अंधेरी में 14 साल के एक बच्चे ने ऑनलाइन गेम के कारण अपनी सोसायटी के बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर ली। हालांकि लड़के की मौत की जांच की जा रही है। लेकिन लड़के के दोस्तों और पुलिस को शक है कि लड़के के आत्महत्या के पीछे ब्लू व्हेल नामक ऑनलाइन गेम का हाथ है। महाराष्ट सरकार भी इस गेमों को लेकर काफी सतर्क है और जल्द ही वह केंद्र सरकार से ऐसे खेलों के प्रतिबंध के बारे में बात करेगी।

क्या है इस गेम में जो लेती है जान

रूस के साइबेरिया प्रांत के फिलिप बुदेकिन नामक 22 साल के लड़के ने ब्लू वेल चैलेंज की शुरुआत की। रूस में इस गेम के कारण सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं जिस कारण वहां के अदालत ने इसको 3 साल के कारावास की सजा भी सुनाई है। भारत में इस गेम के कारण होने वाली मौत का यह पहला केस है। इस गेम में लोगों को डेयर दिया जाता है जिसमें लोगों को चुनौती दी जाती है कि गेम द्वारा दिए गए टास्क पूरा करने के लिए। शुरूआत में टास्क सरल होते हैं जिसे खेलने वाला आसानी से पूरा कर लेता है जैसे- डरावनी फिल्म देखना, टोड़-फोड़ मचाना आदि लेकिन जैसे-जैसे गेम का लेवल बढ़ता जाता है, लोगों को टास्क पूरा करने में मजा आने लगता है और लोग इसके आदि हो जाते है। उसके बाद गेम के आखिरी स्टेजो में कठिन टास्क दिए जाते हैं जिससे शरीर को नुकसान भी पहुंच सकता है और फिर बाद में आत्महत्या करने जैसा टास्क दिया जाता है। इस तरह इस गेम को सीरियसली खेलने वाले इंसान अपनी जिंदगी बेफालतू में गंवा देते हैं।

जानिए, और कौन से गेम हैं ऐसे

दुनिया भर में ऐसे कई गेम हैं जो इसी तरह के डेयर देकर लोगों को उकसाते हैं। पहले वो धीरे-धीरे सरल टॉस्क द्वारा लोगों को अपना आदि बनाते हैं और फिर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ करते हैं। फायर चैलेंज, साइबर बुलिंग, चोकिंग गेम आदि ऐसे ही गेम हैं। फायर चैलेंज में जहां लोगों को आग से खेलने के लिए चुनौती दी जाती है वहीं साइबर बुलिंग कई स्तर की होती है जैसे कि अभद्र संदेश भेजना, सोशल मीडिया पर गलत अफवाह फैलाना, गलत पोस्ट करना आदि। इस गेम से मानसिक प्रताड़ना मिलती है जिससे लोग आत्महत्या कर लेते हैं। वहीं चोकिंग गेम में चुनौती दी जाती है कि आदमी अपने दिमाग में पहुंचने वाले ऑक्सीजन को रोक ले।

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