गुजरात में नरोदा दंगे मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह आज गवाही देने अहमदाबाद के स्पेशल एसआईटी कोर्ट पहुंचे। अमित शाह ने माया कोडनानी को यह कह कर क्लीन चिट दे दी कि कोडनानी उस दिन राज्य विधानसभा में मौजूद थीं।
बता दें कि गुजरात में 2002 के भीषण राज्यव्यापी दंगो के दौरान यहां नरोडा पाटिया इलाके में हुए नरसंहार में 87 लोगों को मार डाला गया था, जिसमें अधिकतर अल्पसंख्यक थे।
शाह ने कड़ी सुरक्षा के बीच यहां एसआईटी की विशेष अदालत के जज पी बी देसाई की कोर्ट में अपनी और 20 मिनट से अधिक समय की पेशी के दौरान गवाही में कहा कि पेशे से महिला रोग विशेषज्ञ डाक्टर कोडनानी जो उस समय उन्हीं की तरह विधायक थी, घटना के दिन यानी 28 फरवरी को विधानसभा में उपस्थित थी। शाह ने कहा कि उस दिन हम लोग एक दिन पहले ही हुए गोधरा कांड में मरे हुए लोगों को श्रद्धांजलि देने सुबह विधानसभा पहुंचे थे।
इसके बाद शाह अपने तत्कालीन विधानसभा क्षेत्र सरखेज में आने वाले सोला सिविल अस्पताल गये तो वहां से निकलते समय उन्होंने कोडनानी को देखा था। अस्पताल में गोधरा के मृतकों के शव लाए गए थे और वहां लोग काफी आक्रोशित थे। पुलिस ने उन्हें और कोडनानी को अपनी गाड़ी में बिठा कर निकाला था।
हालांकि इसमें सबसे गौर करने वाली बात यह है कि विधानसभा और अस्पताल के बीच कोडनानी कहां थी इसकी शाह को कोई जानकारी नहीं है।
गौरतलब है कि इस दौरान अदालत में आज कोडनानी और एक अन्य सजायाफ्ता आरोपी बाबू बजरंगी भी उपस्थित थे।
बता दें कि नरोडा पाटिया और गाम नरसंहार, ट्रेन कोच जलाने की घटना के एक दिन बार यानी 28 फरवरी 2002 को भड़के राज्यव्यापी दंगों के दौरान हुई थी। इस मामले में कोडनानी समेत 80 से अधिक लोग आरोपी थे। उन पर हमलावर भीड़ की अगुवाई करने का आरोप था। इसके बाद माया कोडनानी ने कोर्ट के द्वारा 28 साल की सजा को चुनौती दे दी थी। उन्होंने इस घटना में शामिल ना होने के सुबूत के तौर पर अमित शाह और 7 अन्य लोगों को कोर्ट में गवाही देने की मांग की थी। अदालत ने कोडनानी की इस अपील को स्वीकार कर लिया था। जिसके बाद अमित शाह को कोर्ट ने समन भेजा था।
अब देखना यह होगा कि इस केस में अमित शाह का यह बयान कितना और क्या फर्क डालता है।