छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 22 जवानों की शहादत पर गृहमंत्री अमित शाह सख्त हो गए हैं। उन्होंने कहा कि, इस घटना के लिए नक्सलियों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। हम अपने जवानों की शहादत को भूलेंगे नहीं। साथ ही, उन्होंने कहा कि उग्रवादियों के खिलाफ लड़ाई केन्द्र और राज्य सरकारों के सम्मलित प्रयासों से जीती जाएगी।

गृहमंत्री ने हमले के बाद छत्तीसगढ़ के सुरक्षा आधिकारियों से वार्ता की, जिसमें उन्होंने सुरक्षा से जुड़ी जानकारी हासिल की। बता दें कि, हमले के समय गृहमंत्री असम में चुनावी प्रचार कर रहे थे खबर मिलते ही वे दिल्ली लौट आए हैं उन्होंने कहा कि, ‘हमारे जवानों ने शहादत दी है। हम इस खून-खराबे को बर्दाश्त नहीं करेंगे और उचित वक्त आने पर मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।’ शाह ने कहा कि मुठभेड़ के बाद छत्तीसगढ़ में तलाश अभियान जारी है। उन्होंने कहा कि सरकार शांति और प्रगति के ऐसे दुश्मनों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘नक्सलियों के साथ हमारी लड़ाई ताकत के साथ जारी रहेगी और हम इसे मुकाम तक पहुंचाएंगे।’

बीजापुर में 22 जवानों की शहादत पर अमित शाह ने राज्य में सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक भी की। केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार, गृह मंत्रालय और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल  के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया। बता दें कि, पहले खबर थी कि, 15 जवान ही शहीद हुए हैं। लेकिन समय के साथ जंगलों से जवानों का शव मिलने लगा। जिसकी संख्या बढ़कर 22 हो गई हैं। वहीं 22 जवान घायल और लापता बताए जा रहे हैं।

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक कुलदीप सिंह को स्थिति का जायजा लेने के लिए राज्य जाने को कहा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी बात की. छत्तीसगढ़ सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि बघेल ने शाह को मुठभेड़ की जानकारी देते हुए कहा कि नक्सलियों ने केवल अपनी मौजूदगी दिखाने के लिए हिंसा की है, क्योंकि लोगों का माओवादी विचारधारा से मोह भंग हो रहा है।

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