राजनीति में बेशुमार पैसा, ताकत और रुतबा होता है। जीवन में एक बार रहे एमएलए के पास भी करोड़ों की प्रॉपर्टी होती है, पर यहां पर एक एमएलए ऐसे हैं जिनके पास पक्का मकान तक नहीं है। सीपीआई, एमएल के उम्मीदवार महबूब आलम चार बार एमएलए रह चुके हैं, बावजूद इसके महबूब ने अभी तक अपना पक्का मकान नहीं बनाया है।

बिहार विधानसभा चुनाव में महबूब ने कटिहार जिले के बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की है। इस चुनाव में महबूब आलम ने अपने प्रतिद्वंदी विकासशील इंसान पार्टी के प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार ओझा को 53,597 वोटों से हराया है।

ये अपने क्षेत्र में सबसे चर्चित व्यक्ति हैं। खबर के अनुसार साल 2015 में जब जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस एक साथ महागठबंधन में चुनाव लड़े थे, उस समय भी सीपीआई,एमएल के चार विधायकों ने जीत दर्ज की थी। इसमें महबूब आलम एक हैं।

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राजनीतिक सफर में महबूब पर कई आरोप भी लगें। साल 2016 में इनपर एक बैंक मैंनेजर को तमाचा जड़ने का आरोप भी लगा था। उस वक्त पीटीआई से बात करते वक्त महबूब ने अपने उपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया था। पर पास में ही लगे सीसीटीवी फुटेज में मैंनेजर को थप्पड़ मारने का वीडियो सामने आया था। जिसके बाद इनको कानूनी कार्यवाही का सफर तय करना पड़ा।

चार बार विधायक रह चुके महबूब आलम के पास पक्का मकान नहीं है। ये खबर जैसे ही बाहर आई, लोग सोशल मीडिया पर महबूब की जमकर तारीफ कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर अनीष नाम के एक यूजर ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि ‘महबूब आलम साहब के पास इमान की दौलत है…जो दुनिया की सभी दौलत से अफजल है…अल्लाह आपको सलामत रखे सर’

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राजेश नाम के एक यूजर ने लिखा कि ‘विश्वास नहीं होता कि देश में ऐसे नेता अभी भी हैं। आजमगढ़ के आलम बदी आज़मी याद आते हैं जो अपने बेहद ही साधारण लाइफ स्टाइल के लिए जाने जाते थे। हमें अपने समय के ऐसे नेताओं पर गर्व है। इस तरह के नेता सिर्फ मुस्लिम समुदाय में ही नहीं बल्कि हिंदुओं में भी हैं…उन्हें सलाम है।’

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  1. दीनी लोगों को मकान की जरूरत कहां होती है, उन्हें तो बम गोला बारूद की जरूरत ज्यादा होती है।

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