राम मंदिर-बाबरी मस्जिद का मसला सालों पुराना है और जैसे जैसे साल बीतते जा रहे हैं ये मुद्दा और ज्यादा पेचीदा होता जा रहा है। सर्व धर्मों की स्थली भारत अब दो धार्मिक समुदायों हिन्दू और मुस्लिमों में बंट कर रह गया है। राम मंदिर-बाबरी मस्जिद का मुद्दा आते ही तलवारें खिंच जाती हैं और लोग मरने-मारने पर आमदा हो जाते हैं। ऐसे में ये राजनेताओं और धार्मिक संगठनों की जिम्मेदारी बनती है कि वो इस मुद्दे को शांति और सद्भाव से सुलझाएं लेकिन यहां तो संगठन ही तलवार लिए खड़े हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा, कि “कुछ बाहरी तत्वों ने अयोध्या के राम मंदिर को नष्ट कर दिया था लेकिन अब ये देश की जिम्मेदारी है कि राम मंदिर को दोबारा उसी जगह स्थापित किया जाए”।

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दरअसल, मोहन भागवत रविवार को पालघर जिले के डहाणू में विराट हिंदू सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे। जहां उन्होंने राम मंदिर पर अपने विचार रखते हुए कहा, कि इसमें कोई संदेह की बात ही नहीं है और राम मंदिर जहां पहले था वहीं बनाया जाएगा। इसके लिए हम लड़ रहे हैं और राम मंदिर का निर्माण इच्छा नहीं संकल्प है। अगर राम मंदिर का निर्माण नहीं हुआ तो भारत अपनी संस्कृति से कट जाएगा।

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जनसभा को संबोधित करते हुए मोहन भागवत बोले, ‘‘भारत में मुस्लिम समुदाय ने राम मंदिर नहीं तोड़ा, क्योंकि भारतीय नागरिक गलत काम नहीं कर सकते। लेकिन ये काम भारतीयों का मनोबल तोड़ने के लिए विदेशी ताकतों ने किया है।’’ लेकिन आज हम आजाद हैं इसलिए हम सब मिलकर फिर से राम मंदिर का निर्माण वहीं कराएंगे जहां वह पहले था।

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