ताजमहल के संरक्षण के मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (9 मई) को भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने ASI से कहा कि आप ताज के रंग बदलने के मामले में क्या कर रहे हैं। ASI ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन इसके लिए काई और गंदी जुराबें जिम्मेदार हैं, जो भी फोटो कोर्ट के सामने हैं वो सफाई से पहले की है और वो फर्श की तस्वीरें हैं।

इस पर जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा कि आप तो वहां जाने वालों को पैरों में पहनने के लिए कवर देते हैं फिर ये रंग कैसे बदल गया ? इसका मतलब है कि आप गंदे कवर देते हैं। ASI ने ये भी कहा कि ताजमहल को कीड़े-मकोड़ों से भी नुकसान हो रहा है और ताजमहल पर काई उड़कर जमा हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर ASI को फटकार लगते हुए पूछा कि ताजमहल को काई और कीड़ा-मकोड़े कैसे नुकसान पहुंचा सकते है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ASI समझना नहीं चाहता कि ताजमहल में समस्या है ? आप के हिसाब से सब ठीक हैं। आप ऐसा कैसे कह सकते हैं। इसके बाद कोर्ट पूछा कि क्या ASI का इस मामले में यही स्टैंड है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1996 में पहली बार ताजमहल को लेकर आदेश जारी किया गया था लेकिन 22 साल बाद भी कुछ नहीं हुआ।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था क्या ताजमहल का रंग बदल रहा है। सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की तरफ से तस्वीरें पेश की गई हैं जिसमें ताजमहल का रंग बदल गया है…इन तस्वीरों को देखकर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी।  अब मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी।

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