‘भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं’, कुछ ऐसा ही आजकल के आपराधिक मामलों में चल रहा है जहां पीड़ित लोगों को इंसाफ तो मिल तो रहा है पर उसके लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। ताजा मामलों में उन्नाव गैंगरेप और बाबा राम रहीम जैसे मामले देख सकते हैं जहां इंसाफ मिलने में कई साल लग गए। यहां पॉवर, पैसा सबकुछ था लेकिन फिर भी जीत सच्चाई की हुई, जीत कानून की हुई। अब एक और मामले में पीड़ितजनों को न्याय मिला है। ये मामला आसाराम का है जो लगभग साढ़े चार साल से बलात्कार के आरोप में जेल में बंद था। आज कोर्ट ने उसे दोषी ठहरा दिया। जी हां, आश्रम में नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आसाराम सहित 3 लोगों को दोषी करारते हुए उम्र कैद की सजा दी  गई है। जबकि 2 आरोपियों को बरी कर दिया गया। जस्टिस मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर जेल में अपना यह फैसला सुनाया।

 

कोर्ट ने आसाराम के अलावा सह आरोपी शरतचंद्र और शिल्पी को भी दोषी करार दिया है। वहीं शिवा और प्रकाश को बरी किया गया है। बता दें कि जोधपुर की कोर्ट ने सुरक्षा कारणों से सेंट्रल जेल परिसर में ही फैसला सुनाने का निर्णय किया था। फैसले के मद्देनजर केंद्र सरकार ने दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा को सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश दिए हैं। आसाराम के खिलाफ फैसला आने के बाद पीड़िता के पिता का दर्द छलका है। खबरों के मुताबिक, पीड़िता के पिता ने कहा, ‘आसाराम को कोर्ट ने दोषी माना है और अब जाकर हमें इंसाफ मिला है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं उन सभी लोगों का शुक्रिया करना चाहता हूं, जिन्होंने इस लड़ाई को लड़ने में हमारा साथ दिया। मैं चाहता हूं आसाराम को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि मेरी बेटी के अलावा गवाह जिनकी मौत हुई उन्हें भी इंसाफ मिलें।’

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