Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि AIIMS, राम मनोहर लोहिया और सफदरजंग जैसे बड़े अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर NEET-PG की काउन्सलिंग बार-बार स्थगित होने की वजह से हड़ताल पर हैं। यह बहुत दुख की बात है। इनकी मांग केंद्र सरकार नहीं सुन रही है और जब ये शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तो पुलिस ने इन पर लाठियां बरसाईं।
Arvind Kejriwal बोले- कोरोना मरीजों की डॉक्टरों ने की सेवा
केजरीवाल ने पीएम को याद दिलाते हुए कहा कि ये वही डॉक्टर हैं जो पिछले डेढ़ साल से कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह न करते हुए, कोरोना मरीजों की सेवा कर रहे हैं। कई डॉक्टरों की जान भी गई। लेकिन वो डटे रहे, कर्तव्य की राह पर वो लगातार काम करते रहे। लेकिन आज इन्हें हड़ताल पर जाना पड़ रहा है।
Arvind Kejriwal बोले- पीएम लें मामले पर संज्ञान
अरविंद केजरीवाल ने पीएम से आग्रह करते हुए कहा कि हड़ताल की वजह से अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी हो जाती है। इनकी मांग जल्द से जल्द मान कर हड़ताल खत्म करवाई जाए। उन्होंने कहा कि एक बार फिर देश में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के केस बढ़ रहे हैं। ऐसे में डॉक्टरों की जरूरत अस्पताल में अधिक है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह करते हुए कहा है कि आप व्यक्तिगत तौर पर इस मामले पर संज्ञान लें और इस मसले का कोई सामाधान करें।
क्या है डॉक्टरों की हड़ताल पर जाने की वजह ?
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में केंद्र और चिकित्सा परामर्श समिति (MCC) के 29 जुलाई के नोटिफिकेशन को चुनौती देते हुए कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इस नोटिफिकेशन में देशभर में दिए जाने वाले आरक्षण के लिए तय 50 प्रतिशत सीटों में से NEET PG मेडिकल प्रवेश परीक्षा OBC के लिए 27 प्रतिशत और EWS के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जुलाई में राज्यों के मेडिकल/डेंटल कॉलेजों के ऑल इंडिया कोटे में OBC और EWS को आरक्षण देने का फैसला लिया था। लेकिन लगातार केंद्र सरकार की ओर से काउन्सलिंग में देरी होने के कारण डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। इससे अस्पताल में मरीज और उनके परिजन भी परेशान हैं।
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