वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर कड़ा प्रहार करते हुए गुरुवार को कहा कि उसे (विपक्ष को) बार-बार झूठ गढ़ने का कोई अफसोस नहीं होता और अपनी सहूलियत केहिसाब से वह दोहरे मानदंड भी अपना सकता है। अपने उपचार के लिए अमेरिका गये जेटली ने फेसबुक पर एक पोस्ट में विपक्षी दलों को ‘बात-बात पर विरोध करने वाला’ बताते हुए उन पर झूठ गढ़ने और एक निर्वाचित सरकार को कमजोर करके लोकतंत्र को बर्बाद करने का आरोप लगाया।

उन्होंने लिखा है कि लगातार आलोचना करने वाले ये लोग सरकार के हर उस प्रस्ताव में कुछ कमियां ढूंढते रहते हैं, जो लोगों के विकास के लिए हैं, चाहे वह 10 फीसदी आरक्षण देने की बात हो, आधार का मसला हो, नोटबंदी या जीएसटी हो, सीबीआई विवाद हो, रिजर्व बैंक और सरकार के संबंधों के बारे में हो, राफेल लड़ाकू विमान सौदा का हो या फिर जज लोया केस।

सीबीआई जज लोया की मौत के मामले में फैसले की आलोचना करनेवालों को भी उन्होंने आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि जब न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने इस पर फैसला सुनाया तो लोगों ने सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना की। आम चुनाव के नजदीक आने के कारण विपक्ष के हमले में हो रही तेजी के बीच केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘बात-बात पर झूठ बोलने वालों’ का मानना है कि सरकार कुछ अच्छा नहीं कर सकती और इसलिए उसके हर काम में रोड़े अटकाये जाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि सकारात्मक मानसिकता वाले लोगों और राष्ट्रीय शक्ति से राष्ट्र का निर्माण होता है न कि ‘बात-बात पर विरोध करने वालों से। उन्होंने सवाल किया कि क्या वाम उदारवादियों को स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गांधीजी द्वारा उठाये गये विभिन्न कदमों में खामियां नजर नहीं आयीं थीं। संप्रभु निर्वाचित सरकार को कमजोर करके और निर्वाचन के अयोग्य को मजबूत करना केवल लोकतंत्र का विनाश है।

उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग स्वार्थवश राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की सत्ता में वापसी नहीं चाहते हैं। ऐसे लोग सरकार के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार कर रहे हैं। राजनीतिक व्यवस्था में कुछ लोग ऐसे हैं जो सोचते हैं कि उनका जन्म सिर्फ राज करने के लिए हुआ है। जेटली ने लिखा कि कुछ लोग तो ऐसे हैं जो वाम या कट्टर वाम विचारधारा से प्रभावित हैं। उनके लिए राजग की सरकार पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इस बीच एक दूसरा वर्ग भी सामने आया है, जिनका काम बस लगातार दुष्प्रचार करना है।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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