देश में हर साल चुनावों का दौर चलता रहता है। कभी लोकसभा चुनाव तो कभी किसी राज्य का विधानसभा चुनाव। ऐसे में राजनीतिक पार्टियां अपना तन-मन काम में कम चुनाव में ज्यादा देती हैं। पैसों और समय की जो बर्बादी होती है सो अलग। इसी को लेकर बीजेपी एक देश एक चुनाव के पक्ष में है और इसको लेकर काफी सक्रिय भी है।  भाजपा ने विधि आयोग में एक देश-एक चुनाव का समर्थन किया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विधि आयोग को लिखे पत्र में देश में एक साथ चुनाव से होने वाले फायदे को गिनाया है। इसके साथ ही उन्होंने एक साथ चुनाव के विरोध को राजनीति से प्रेरित बताया है। लेकिन इस मामले में कांग्रेस का स्टैंड भी क्लीयर है कि वो इस मसले पर भाजपा का साथ नहीं देगी। कांग्रेस समेत कई दल भी इसके खिलाफ हैं।

अमित शाह ने ‘एक देश-एक चुनाव’ का समर्थन करते हुए कहा कि चुनावों में होने वाले भारी खर्च से बचने के लिए ऐसा करना आने वाले समय की जरूरत है। लॉ कमीशन को भेजी गई चिट्ठी में शाह ने लिखा- ‘देश में मौजूदा समय में कहीं न कहीं चुनाव होते रहते हैं। इसके चलते न सिर्फ राज्य सरकारों, बल्कि केंद्र सरकार के विकास कार्य भी रुक जाते हैं। बार-बार चुनाव से काफी पैसा भी खर्च होता है। प्रशासन पर भी बोझ पड़ता है। इसे कम कराने के लिए देश में एक चुनाव की जरूरत है।’

खबरों के मुताबिक, सोमवार को इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधिमंडल विधि आयोग से मिला। बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव की अगुवाई में बीजेपी के नेता विधि आयोग पहुंचे और उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की चिट्ठी उन्हें सौंपी। भूपेंद्र यादव ने कहा कि बीजेपी प्रतिनिधिमंडल का मानना है कि कानून के प्रावधानों में संशोधन होना चाहिए ताकि एक साथ चुनाव हो सकें। उन्होंने कहा कि देश में अगर एक साथ चुनाव होते हैं, तो सरकारी खर्चे में काफी बचत होगी। इस दौरान उन्होंने दुनिया के कई देशों का उदाहरण भी दिया।

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