हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और चुनाव सिर पर है। चुनाव को लेकर पार्टियां अपने-अपने कर्तव्यनिष्ठ उम्मीदवारों को चुनने में लगी हुई है। एक तरफ जहां हिमाचल में कांग्रेस पार्टी अपनी सत्ता कायम रखने के लिए प्रयास कर रही है तो वहीं भाजपा उनके मंसूबों को नाकाम कर सत्ता पर काबिज होने की जुगत में है।

हिमाचल प्रदेश में चुनाव की घोषणा के दो दिन बाद ही कांग्रेस पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के अनिल शर्मा ने चुनाव के ऐन मौके पर पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है।

बता दें कांग्रेस के दिग्गज पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम और उनके बेटे मंत्री अनिल शर्मा  ने परिवार के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का एलान किया है। बताया जा रहा है कि वह रविवार को औपचारिक रूप से बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इससे पहले सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह की भाभी ज्योति सेन ने भाजपा का दामन थामा था।

हिमाचल प्रदेश में 9 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने शनिवार को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में अहम बैठक की। इस बैठक में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह सहित शीर्ष नेता और समिति के अन्य सदस्य बैठक में शामिल हुए। बैठक में उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की गई।

हिमाचल प्रदेश में एक तरफ जहां कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह की अगुवाई में चुनाव लड़ने का फैसला किया है तो दूसरी तरफ बीजेपी के खेमे में चर्चा है कि वह नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही चुनावी रणभूमि में उतरेगी। हालांकि ये भी चर्चा है कि केंद्रीय केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा को भाजपा सामने ला सकती है।

राज्य में कुल 68 विधानसभा सीटें हैं। विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने की तारीख 16 से 23 अक्टूबर तक रखी गई है। इसके अलावा नामांकन से नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 26 अक्टूबर जबकि चुनाव की मतगणना 18 दिसबंर को होगी।

राहुल गांधी हो सकते हैं कांग्रेस के अध्यक्ष-

कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी को जल्द ही पार्टी की कमान मिल सकती है। इसका संकेत बहुत पहले पार्टी के नेताओं ने दी थी लेकिन अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी संकेत दे दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी को 31 अक्टूबर के अंत तक पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है। इसके लिए पार्टी में बाकायदा चुनावी प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।

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