बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज से ओडिशा के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे…ओडिशा बीजेपी प्रमुख बसंत पांडा के मुताबिक, यात्रा के दौरान शाह सम्भलपुर, कालाहांडी, सुन्दरगढ़, बोलंगिर और सोनपुर जिलों में जनसभाओं और युवा सम्मेलनों में भाग लेंगे…राज्य में 2019 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शाह स्थानीय भाजपा नेताओं से बात करेंगे और पार्टी को मजबूत बनाने की रणनीति पर काम करेंगे…पिछले वर्ष सितंबर की अपनी तीन दिवसीय ओडिशा यात्रा पर शाह ने कहा था कि पार्टी का पूरा ध्यान ओडिशा सहित अन्य राज्यों पर है…दरअसल अमित शाह लगातर अलग-अलग राज्यों के दौरे पर जा रहे हैं…वो अलग-अलग राज्यों में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से लेकर कुछ प्रबुद्ध तबके के लोगों के बीच भी अपनी बात रखते रहे हैं…इसे पार्टी की भावी रणनीति और निचले स्तर तक संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने की कवायद के तौर पर इसे देखा जा रहा है…बीजेपी लगातार ओडिशा में अपने संगठन को मजबूत करने में लगी है…इसका असर देखने को भी मिला जब स्थानीय निकाय के चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन उम्मीदों से भी बेहतर रहा था…
शाह का बार-बार ओडिशा आना बीजपी की ओडिशा को लेकर गंभीरता का एहसास कराता है…पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के जरिए ओडिशा बीजेपी के भीतर जान फूंकने की कोशिश की गई थी….पंचायत चुनाव में मिली सफलता के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने सत्ताधारी बीजेडी के गढ़ गंजम जिले का दौरा किया था…गंजम जिला मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का गृह जिला है…ऐसे में शाह ने सीधे गंजम जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं को खुशियों से भर दिया… तब, अमित शाह ने अपनी रणनीति के तहत उस दौरे के वक्त एक दलित परिवार के घर खाना भी खाया था…
बीजेपी को ओडिशा में दोहरे सियासी गम को झेलना पड़ा है…वह आज भी 2009 में नवीन पटनायक का बीजेपी का साथ छोड़कर चले जाने की कड़वी याद को भुला नहीं पाई है…ऐसे में ओडिशा के नेता धर्मेंद्र प्रधान का कद बढ़ाना भी बीजेपी की खास रणनीति का हिस्सा है…शाह की पैनी नजर राज्य की 21 लोकसभा और 147 विधानसभा सीटों पर है…लोकसभा के साथ ही राज्य में विधानसभा का चुनाव होना है, लिहाजा बीजेपी सुप्रीमो अभी से ही सूबे की पटनायक सरकार को गरीबी और बेरोजगारी जैसे अहम और ज्वलंत मुद्दों पर घेर रहे है…बीजेपी लगातार 17 सालों से ओडिशा की सत्ता पर काबिज नवीन पटनायक को ओडिशा की बदहाली के लिए जिम्मेदार बताती रही है…उसे पीएम मोदी के लहर का भी भरोसा है…वहीं, नवीन पटनायक के कुछ पुराने साथी बीजेपी के करीब हैं…ऐसे में पटनायक सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए बीजेपी को बीजेडी के विभीषणों का इंतजार है…जो, बीजेपी चुनाव के ठीक पहले होना तय लगता है…ऐसे में सवाल यही कि, क्या बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह इसी की तलाश में बार-बार ओडिशा आ रहे हैं…उनका दौरा ये बताने के लिए काफी है कि, बीजेपी ओडिशा में जीत को बड़ा मिशन मान रही है….
—एपीएन ब्यूरो