Allahabad High Court ने साइन सिटी के निवेशकों के करोड़ों फ्राड के मुख्य आरोपी नसीम ब्रदर्स व अन्य की गिरफ्तारी का निर्देश दिया है और कहा है कि देश से भागे अभियुक्त का पासपोर्ट तत्काल निरस्त किया जाए।
कोर्ट ने आर्थिक अपराध शाखा के निदेशक को 22 अक्टूबर को तलब किया है और कहा कि विदेश भागने वाले दो मुख्य आरोपियों में से एक का ही पासपोर्ट क्यों निरस्त किया गया। कोर्ट ने कहा कि 1647 निवेशकों के 237 करोड़ हड़पने वालों के खिलाफ 284 एफआईआर दर्ज कराई गई है। एफआईआर दर्ज होते ही पासपोर्ट क्यों नहीं निरस्त किया गया।
कोर्ट ने हैरानी जताई कि अभियुक्तों के खिलाफ वारंट जारी है। एक अधिवक्ता के मार्फत से केस में पक्ष भी रखा गया पर उसकी गिरफ्तारी नहीं की गई। कोर्ट ने निदेशक आर्थिक अपराध शाखा व प्रदेश के डीजीपी को तलब किया था। डीजीपी की अगली तिथि पर हाजिरी माफ कर दी है। किन्तु निदेशक को हाजिर होने का निर्देश दिया है। यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम एन भंडारी तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने श्रीराम राम की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
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राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने अनुपालन रिपोर्ट पेश की। कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के साथ ही अपर महाधिवक्ता ने दो हफ्ते का समय मांगा। कोर्ट ने पुलिस आर्थिक अपराध शाखा के रवैया पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 2019 में एफआईआर दर्ज हुई है। हजारों निवेशकों का करोड़ों हजम करने वाले अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी। दो मुख्य आरोपियों राशिद नसीम व आसिफ नसीम में से केवल एक का ही पासपोर्ट निरस्त किया गया है। एफआईआर दर्ज होते ही पासपोर्ट निरस्त क्यों नहीं किया गया ये तो समझ से परे है।
कोर्ट ने कहा कि विदेश मंत्रालय भी पता नहीं कर पाई कि मुख्य आरोपी किस देश में है। आरोपी किस देश में है ये पता लगे तब उन्हें वापस लाया जा सके। कोर्ट ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। कोर्ट ने आदेश की एक कॉपी विदेश मंत्रालय को कार्रवाई के लिए भेजने का निर्देश दिया है और याचिका को विमल कुमार मिश्र केस के साथ सुनवाई के लिए 22 अक्टूबर को पेश करने का निर्देश दिया है।
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