देश के सभी बूथों पर वोटर वैरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी वीवीपैट मशीनें से ही 2019 का चुनाव होगा। चुनावों से पहले वीवीपैट मुहैया कराने में देरी की खबर को चुनाव आयोग ने खारिज किया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि लोकसभा चुनावों में सभी बूथों पर वीवीपैट मशीनें उपलब्ध कराने के लिए 16.15 लाख वीवीपैट मशीनों का ऑर्डर दिया गया है। चुनाव आयोग लगातार मशीन के उत्पादन और वितरण पर नजर बनाए हुए है।

लोकसभा चुनावों की तैयारी के लिए सभी मशीनें तय समय के भीतर मुहैया करा दी जाएंगी। सभी ईवीएम मशीनों का वितरण 30 सितंबर 2018 तक हो जाएगा, लेकिन वीवीपैट मशीनों की डिलिवरी में महज डेढ़ महीने की देरी आ सकती है। क्योंकि आयोग द्वारा गठित तकनीकी विशेषज्ञ समिति शुरूआती खेप में आई मशीनों की जांच कर उसमें होने वाले तकनीकी सुधारों को शामिल करती है।

चुनाव आयोग ने भरोसा दिया है कि लोकसभा चुनावों के तय समय के भीतर यानी नवंबर 2018 के अंत तक सभी वीवीपैट मशीनों का वितरण हो जाएगा। चुनाव आयोग ने वीवीपैट, बैलेट यूनिट और कंट्रोल यूनिट के लिए BEL और ECIL को पिछले साल सितंबर में ऑर्डर दिए थे, जिनकी डिलिवरी इसी साल सितंबर तक होनी थी, लेकिन ये कंपनियां इस लक्ष्य को पाने में नाकाम रही है। जिसकी वजह से तय मशीनों की आपूर्ति में डेढ़ महीने की देरी होगी। बहरहाल सियासी गलियारे में इस तरह की हलचल थी कि सरकार लोकसभा चुनाव जल्द करा सकती है। जिसके बाद ये रिपोर्ट आई कि वीवीपैट मशीनों की आपूर्ति तय समय पर न हो पाने की वजह से शायद ये संभव न हो पाए। अब चुनाव आयोग की तरफ से जो सफाई आई है ये इस बात की तस्दीक करता है कि अगर सरकार चाहे तो चुनाव जल्द करा सकती है।

                                                                                                                        एपीएन ब्यूरो

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