राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल नई जिम्मेदारी के साथ और अधिक ‘पावरफुल नौकरशाह’ बन गए हैं। स्ट्रैटिजिक पॉलिसी ग्रुप को कैबिनेट सेक्रटरी की जगह अब अजीत डोभाल संभालेंगे। बता दें कि 1999 में इसका गठन बाहरी, आंतरिक और आर्थिक सुरक्षा के मामलों में नेशनल सिक्यॉरिटी काउंसिल (NSC) की मदद के लिए किया गया था।

1999 में स्ट्रैटिजिक पॉलिसी ग्रुप के गठन के लिए जारी नोटिफिकेशन में कहा गया था कि कैबिनेट सेक्रेटरी इसके चेयरपर्सन होंगे। मोदी सरकार ने 11 सितंबर को नोटिफिकेशन और 8 अक्टूबर को गजट प्रकाशित किया है, जिसके मुताबिक अब NSA को इस समूह का चेयरमैन घोषित किया गया है। SPG में पहले 16 सदस्य होते थे और अब 18 होंगे। इसमें कैबिनेट सेक्रेटरी और नीति आयोग के वाइस चैयरमैन को दो नए सदस्यों के रूप में शामिल किया गया है।

स्ट्रैटिजिक पॉलिसी ग्रुप के अन्य सदस्य, थल सेना अध्यक्ष, नेवी चीफ, वायु सेना अध्यक्ष, आरबीआई गवर्नर, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, डिफेंस प्रॉडक्शन, रेवेन्यू, ऑटोमिक एनर्जी, स्पेस डिपार्टमेंट और नेशनल सिक्यॉरिटी काउंसिल सेक्रेट्रिएट के सेक्रेटरीज के अलावा रक्षा मंत्री के साइंटफिक अडवाइजर, कैबिनेट सैक्रट्रिएट के सेक्रटरी और इंटेलिजेंस ब्यूरो चीफ हैं।

स्ट्रैटिजिक पॉलिसी ग्रुप  के पुनर्गठन ने NSA को राष्ट्रीय सुरक्षा के रणनीतिक ढांचे में सबसे ऊपर ला दिया है। सरकार ने NSA की अगुआई में नए थिंक टैंक ‘डिफेंस प्लानिंग कमिटी’ की भी घोषणा की है जो नेशनल मिलिट्री और सिक्यॉरिटी स्ट्रैटिजी और विदेशों से होने वाले रक्षा सौदों को लेकर रणनीति तैयार करेगा। SPG की बैठकों का संयोजन NSA करेंगे, जबकि कैबिनेट सेक्रटरी फैसलों पर अमल को लेकर विभिन्न मंत्रालयों और डिपार्टमेंट्स के बीच कोऑर्डिनेट करेंगे।

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