किसान टिकरी बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर, और गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले 27 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। किसान नए कृषि कानून को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इस मसले पर सरकार से किसानों ने पांच दौर की बात-चीत भी की पर कोई हल नहीं निकला। किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है।

खुले मन से किसानों से करना चाहते हैं बात- नरेंद्र सिंह तोमर

सरकार की तरफ से किसानों को वार्ता करने के लिए आमंत्रण पत्र भी भेजा गया। पर किसानों ने कहा कि इसतरह का कोई आमंत्रण सरकार ने हमें नहीं दिया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बयान जारी किया है।

तोमर ने कहा, “सरकार खुले मन से किसान संगठन से बात करना चाहती है। अगर किसान बात करना चाहते हैं तो एक तारीख तय करके बताएं हम बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह बात किसान संगठन को बताया गया था। सरकार की नीयत साफ है, हम पूरी दृढ़ता के साथ नए कानूनों का फायदा सबके सामने रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि उम्मीद है किसान भाई हमारी मंशा को समझेंगे। “

एमएसपी का नहीं है कोई संबंध- तोमर

साथ ही मीडिया से बात करने के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, “तीनों नए कृषि सुधार से जुड़े कानूनों का MSP के साथ कोई संबंध नहीं है, MSP एक प्रशासनिक फैसला होता है। उन्होंने कहा कि मैंने संसद में कहा था कि हम MSP व्यवस्था जारी रहेगी। प्रधानमंत्री ने भी कई बार कहा है कि MSP जारी रहेगी। MSP के बारे में कोई शंका नहीं होनी चाहिए।”

सरकार के आमंत्रण पत्र में सब पुराना

बता दें कि किसान नेताओं ने कृषि मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र को लेकर सोमवार को कहा था कि अगर सरकार ‘‘ठोस समाधान” पेश करती है तो वे हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन दावा किया कि वार्ता के लिए अगले तारीख के संबंध में केंद्र के पत्र में कुछ भी नया नहीं है।

BKU के किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, हम कानून रद्द करने की मांग कर रहे हैं। पर सरकार ने अपने आमंत्रण में कानून में संशोधन को लेकर बात करने के लिए न्योता दिया है। इसमें कुछ भी अनोखा नहीं है।

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