तीन तलाक जैसे कुरीति से महिलाओं को आजादी मिलने के बाद अब मुस्लिम महिलाएं हलाला और बहुविवाह के खिलाफ भी खड़ी हो गई हैं। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी डाली जा चुकी है। दरअसल, तीन बच्चों की एक मां ने बहुविवाह और हलाला को असंवैधानिक करार दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। यह महिला दो बार इंस्टेंट ट्रिपल तलाक का दर्द झेल चुकी है। संभल की समीना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके हलाला और बहुविवाह पर रोक की मांग की। उन्होंने इन प्रथाओं से होने वाली परेशानियों का जिक्र करते हुए सर्वोच्च न्यायालय से न्याय मिलने की उम्मीद व्यक्त की है। उनका कहना है कि उनकी पैरवी और कोर्ट के सकारात्मक रुख से तमाम महिलाओं को बड़ी राहत मिल सकेगी।

बता दें कि इससे पहले   पूर्व भाजपा नेता अश्वनी उपाध्याय भी ऐसी ही एक याचिका दायर कर चुके हैं। अश्वनी ने अपनी याचिका में कहा था कि हलाला और बहुविवाह मुस्लिम महिलाओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं। वहीं  समीना ने अपनी याचिका में कहा है कि  मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) आवेदन अधिनियम, 1937 की धारा 2 को संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21 और 25 का उल्लंघन करने वाला घोषित किया जाए। क्योंकि यह बहु विवाह और निकाह हलाला को मान्यता देता है।

बता दें कि समीना बेगम की पहली बार 1999 में शादी हुई थी, जिससे उनके दो बेटे हुए। लेकिन उनके साथ की जाने वाली लगातार मारपीट व प्रताड़ना से तंग आकर जब उन्होंने पुलिस में शिकायत की, तो पति ने उन्हें तलाक दे दिया। बाद में पहले से ही शादीशुदा एक आदमी से उन्हें दुबारा शादी करने के लिए मजबूर किया गया। शादी के बाद वह फिर से गर्भवती हो गईं। बाद में दूसरे पति ने भी मामूली सी कहासुनी के चलते समीना को फोन पर ही फिर से तलाक दे दिया।

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