इजरायल और फिलीस्तीन का झगड़ा कोई नया नहीं है। इजराइल और फिलिस्तीनियों के बीच सोमवार को एक बार फिर से तनाव बढ़ गया। गाजा में आतंकवादी समूहों के इजरायल में रॉकेट दागने के बाद ये स्थिति तनावपूर्ण हो गई। हमले पर गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजराइल के हवाई हमलों में नौ बच्चों समेत 20 फिलिस्तीनी मारे गए हैं।

इजरायल ने फिलिस्तीनी तटीय क्षेत्र पर हमले का जवाब दिया जिसके बाद यरूशलेम में अल-अक्सा मस्जिद पर पुलिस की छापेमारी हुई जिसमें सैकड़ों लोग घायल हो गए। इजरायल के लिए हमास के जारी किए गए अल्टीमेटम के पारित होने के कुछ ही मिनटों बाद यरुशलम कंपाउंड से सुरक्षा बलों को हटाने के लिए रॉकेट हमले शुरू किए गए थे। वहीं अगर यरूशलेम में रहने वालों की माने तो शाम 6 बजे के बाद हवाई हमले के सायरन को उन लोगों ने सुना था।

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हमले पर इजराइल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज ने कहा कि फिलिस्तीनी आतंकवाद को एक लोहे की मुट्ठी से लड़ा जाना चाहिए, जबकि विपक्षी नेता यैर लिपिड ने आगे की सैन्य कार्रवाई की संभावना को बढ़ाते हुए मजबूत और दृढ़ कार्रवाई की मांग की है। वहीं रॉकेट हमले और जवाबी हवाई हमले के एक दिन बाद इजराइल की पुलिस ने सोमवार को परिसर में धावा बोल दिया और लोगों पर ग्रेनेड दागे और फिलिस्तीनियों के साथ झड़प भी की, जिसमें 500 से ज्यादा फिलिस्तीनी और 21 पुलिस अधिकारी घायल हो गए।

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हमास के सैन्य बल ने रॉकेट दागे जाने की जिम्मेदारी ली है और कहा कि उसने ये पवित्र शहर में अपराधों और आक्रामकता और शेख जर्राह और अल-अक्स मस्जिद में लोगों को परेशान करने के जवाब में किया है।

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