आतंकवादियों का पनाहगाह बनता जा रहा पाकिस्तान का चेहरा एक बार फिर दुनिया के सामने है। हाल ये है कि अब कोई देश उससे बात भी करना नहीं चाहता। जी हां, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने बुधवार (31 जनवरी) को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी से टेलीफोन पर बातचीत करने से इनकार कर दिया। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने भारत को सच्चा दोस्त बताते हुए पीएम मोदी से आतंकवाद के मुद्दों पर बात की। गनी ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे फोनकर मानवता के दुश्मनों द्वारा हाल में की गई निर्दोष नागरिकों की हत्याओं पर अपनी संवेदना व्यक्त की।’ उन्होंने कहा कि भारत हमेशा ‘अफगानिस्तान का अच्छा दोस्त रहा है जो हमारे दुख और वेदना को साझा करता है।’

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बता दें कि हाल ही में आफगानिस्तान में आतंकवादी घटनाएं बढी हैं। काबुल के होटल में भी आतंकवादियों ने नृशंस हत्याएं की जिससे पूरा काबुल दहल गया। इससे अफगान के राष्ट्राध्यक्ष समेत कई नेताओं में खासा गुस्सा है। अभी अफगानिस्तान के एक शीर्ष राजनयिक ने काबुल के मशहूर इंटरकॉन्टिनेंटल होटल पर हमले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से कनेक्शन का खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि यह सब जानते हैं कि  पाकिस्तान आंतकियों का सुरक्षित पनाहगाह है, लेकिन हमें इससे भी आगे जाना होगा और परिषद में आम सहमति बनाकर इस पर कार्रवाई करनी चाहिए।

खबरों कें मुताबिक,  “अब्बासी ने गनी को ‘अफगानिस्तान में हुए हालिया आतंकी हमलों के संबंध’ में फोन किया था।” गनी ने ‘काबुल में हुए हालिया हमलों के संबंध में सबूत’ को पाकिस्तानी सेना के साथ साझा करने के लिए अपना एक प्रतिनिधिमंडल इस्लामाबाद भेजा है। काबुल इस्लामाबाद पर अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों को समर्थन देने का आरोप लगाता रहा है।

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