चुनावों का मुद्दा खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। और अब फिर से यह मुद्दा सुर्खियों में आ गया है। चुनाव आयोग नें एक नया कदम उठाते हुए कहा कि अगर कोई भी चुनावों को लेकर भविष्यवाणी करेगा तो उस पर सख्त कार्यवाही होगी। बता दें कि पिछले दिनों पांच राज्यों के चुनावें में ज्योतिषियों और एक्जिट पोल ने भविष्यवाणी कर दी थी कि कौन कहां से जीतेगा। जिसको देखते हुए चुनाव आयोग नें यह कड़ा कदम उठाया।

चुनाव आयोग ने विधानसभा, लोकसभा और स्थानीय निकायों के चुनावों के नतीजे आने से पहले एक्जिट पोल, ज्योतिष, टैरो कार्ड रीडर्स के माध्यम से भविष्यवाणी करने वालो पर रोक लगा  दी है। चुनाव आयोग ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर किसी ने भी इस आदेश का उलंघन किया तो उस पर सख्त कार्यवाही होगी। बता दें कि आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया से एग्जिट पोल जारी करने या फिर चुनाव परिणाम की भविष्यवाणी का प्रसारण करने पर भी रोक लगा दी है और इससे दूर रहने को बोल दिया है, ताकि स्वतंत्र और सही चुनाव कराया जा सके।

मीडिया संगठनों को सलाह देते हुए आयोग ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126-ए का जिक्र किया है, जिसमें कहा गया कि ”चुनाव आयोग की ओर से अधिसूचित की गई ऐसी अवधि के दौरान कोई व्यक्ति प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए कोई एग्जिट पोल नहीं करेगा और न ही इनके नतीजों को प्रकाशित-प्रसारित करेगा और न ही कोई अन्य तरीके अपनायेगा।” 

हालांकि पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनाव के दौरान एक न्यूज वेब-पोर्टल ने उत्तर प्रदेश का एक्जिट पोल समय से पहले ही प्रकाशित कर दिया था। जबकी इस  दौरान एग्जिट पोलों पर लगाम चार फरवरी की सुबह सात बजे से लेकर नौ मार्च की शाम 5:30 बजे तक थी। परामर्श में यह भी कहा गया कि टीवी कार्यक्रमो में कई जगह यह भी दिखाया कि कौन सी राजनीतिक पार्टियों को कितनी सीट मिली है। और यह तब हुआ जब एग्जिट पोलों पर प्रतिबंध की अवधि लागू थी। जिसके बाद आयोग ने यह सख्त कदम उठाया। आयोग ने इस एडवाइजरी को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया एवं न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन को भी भेजा दिया है।

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