प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले चुनावों को मद्देनजर रखते हुए खेती की आमदनी को दोगुना करने और उनकी परेशानियों का समाधान करने के लिए 20 फरवरी को सीधे किसानों से रुबरु होंगे। ये पहला ऐसा प्रयास है जहां प्रधानमंत्री किसानों से सीधे प्रतिक्रिया लेंगे।

एग्रीकल्चर-2022 का आयोजन 19 और 20 फरवरी को होगा। ये पहला मौका है जब इस तरह का कोई अनूठा सम्मेलन आयोजित किया जाने वाला है, जिसमें वास्तविक किसान, नीति नियामक, कृषि से जुड़े अधिकारी, वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री, बैंक, व्यापार व उद्योग के प्रतिनिधि एक साथ हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए देशभर से तीन सौ से अधिक प्रतिभागी हिस्सा लेंगे, जिनका चुनाव काफी जांच परख करके किया गया है। इनमें उनके अनुभव व विशेषज्ञता को प्राथमिकता दी गई है। सम्मेलन में कृषि से संबंधित मंत्रालयों को आला अधिकारी व मंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है। आयोजन की तैयारियों के तहत महीने भर से विभिन्न पक्षकारों गंभीर चर्चा की गई।

इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरे दिन किसानों, नीति नियामकों और खेती से जुड़े विभिन्न पक्षकारों के साथ हुए विचार-विमर्श का सार जानेंगे। केंद्रीय कृषि सचिव शोभना पट्टनायक ने आयोजन का ब्यौरा देने के लिए प्रेसवार्ता बुलाई थी। उन्होंने बताया कि कृषि से जुड़े सात विभिन्न विषयों पर अलग-अलग उप समितियां लगातार चर्चा करेंगी। हालांकि ऐसी समितियां पहले से ही अपनी सिफारिशें तैयार करने में जुट गई हैं।

इसमें कृषि, बागवानी, पशुपालन, डेयरी, मछली पालन, मार्केटिंग और सहकारिता जैसे विषयों से जुड़े विशेषज्ञों को इसमें बुलाया गया है। सम्मेलन के पहले दिन कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल, नीति आयोग के उपाध्यक्ष और अन्य कृषि राज्य मंत्री शामिल होंगे, जबकि दूसरे दिन सभी सात उपसमितियां अपनी सिफारिशें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष पेश करेंगी, जिस पर प्रधानमंत्री सवाल जवाब कर सकते हैं।

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