मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं को तलाक-ए-बिद्दत यानि ट्रिपल तलाक से बाहर निकालने की कोशिश में जुटी है। बिल राज्यसभा में अटका है लेकिन उसकी निगाहें 2019 पर हैं, जहां विपक्षी एकता के बीच मुस्लिम महिलाएं निर्णायक भूमिका निभाती नजर आएंगी। इसी बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की पहल पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं के लिए अपने निवास 7 सफदरजंग रोड पर बुधवार को इफ्तार का आयोजन किया। इसमें इन महिलाओं के अलावा उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हुए। नकवी की इफ्तार में करीब 300 मुस्लिम महिलाएं शामिल हुईं, जिनमें कुछ तीन तलाक से पीड़ित महिलाएं थीं।

A good initiative of Mukhtar Abbas Naqvi, Iftar Party For Divorced Muslim Womenऐसा पहली बार हुआ है जब केंद्र सरकार के मंत्री ने मुस्लिम महिलाओं को ऐसी दावत दी है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं के हितों की रक्षा करने के लिए वचनबद्ध है।

गौरतलब है कि नकवी द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में भाजपा की कई बड़ी हस्तियां शामिल हुई। इस दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए नकवी ने कहा, कि उनकी इफ्तार ‘सोशल इंजीनियरिंग’ का हिस्सा है जबकि राहुल गांधी की इफ्तार ‘पॉलिटिकल इंजीनियरिंग’ का हिस्सा है।

A good initiative of Mukhtar Abbas Naqvi, Iftar Party For Divorced Muslim Womenबता दें कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने तलाक-ए-बिद्दत को असंवैधानिक और गैरकानूनी, करार दिया था। जबकि, तीन तलाक के मुद्दे पर बीजेपी और खासकर पीएम नरेंद्र मोदी काफी मुखर रहे हैं। इसके खिलाफ मोदी सरकार एक विधेयक भी लाई है, हालांकि, यह अभी सिर्फ लोकसभा में ही पारित किया जा सका है। ऐसे में जहां एक तरफ बीजेपी मिशन 2019 में जुटी है। वहीं तीन तलाक यानि तलाक-ए-बिद्दत से परेशान महिलाएं और उनके मासूम बच्चे तीन तलाक बिल के राज्यसभा से पास होने की बाट भी जोह रही है। जिससे कि उन्हें इंसाफ मिल सके। ऐसे में दो राय नहीं कि, बीजेपी को इसका लाभ 2019 में नहीं मिले।

                                                                                                               ब्यूरो रिपोर्ट एपीएन

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