फिल्मों के जरिये समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करने और विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य के साथ 9वां राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म उत्सव चडीगढ़ यूनिवर्सिटी में शुरू हो गया है। इस मौके पर मौजूद टीवी जगत का जाना-माना चेहरा और दूरदर्शन पर प्रसारित मशहूर कार्यक्रम सुरभि के निर्माता सिद्धार्थ काक ने विज्ञान को सरल और रोचक रूप में प्रस्तुत करने पर जोर दिया। युवा फिल्मकारों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि “विज्ञान फिल्मों को बनाते हुए दर्शक वर्ग का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।

अगर कोई विज्ञान आधारित फिल्म किसी छोटे बच्चे को भी समझ में आ रही है, तभी वह एक सफल फिल्म कही जा सकती है।” कार्यक्रम में मौजूद इग्नू के स्कूल ऑफ जर्नलिज्म ऐंड न्यू मीडिया स्टडीज के निदेशक प्रोफेसर शंभू नाथ सिंह ने विज्ञान फिल्म उत्सव को उपयोगी बताते हुए कहा कि “इस आयोजन को अभियान में बदलने की जरूरत है। ऐसा करने से देश में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा मिलेगा।” विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार, ऊर्जा, पर्यावरण, चिकित्सा, कृषि और पारंपरिक ज्ञान को लोकप्रिय बनाने वाली फिल्मों के माध्यम से वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए यह आयोजन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग

की स्वायत्त संस्था विज्ञान प्रसार द्वारा आयोजित किया जाता है। विज्ञान को बढ़ावा देने के साथ-साथ इसका उद्देश्य विज्ञान आधारित फिल्मों उनके निर्माताओं के काम को प्रोत्साहित करना है। विज्ञान प्रसार के निदेशक के डॉ नकुल पाराशर ने कहा कि “अपनी तीन दशक की यात्रा में विज्ञान प्रसार ने निरंतर विज्ञान और प्रौद्योगिकी से लोगों को जोड़ने का कार्य किया है।”यह फिल्मोत्सव चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में 31 जनवरी तक चलेगा।

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के उप कुलपति प्रोफेसर आर.एस. बावा ने बताया कि 9वें राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म उत्सव में 88 भारतीय और 17 विदेशी विज्ञान फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। विज्ञान की विभिन्न श्रेणियों में चुनी गई इन फिल्मों में भारत के अलावा स्वीडन, डेनमार्क और नीदरलैंड जैसे देशों की फिल्में शामिल हैं। इस फिल्म उत्सव के दौरान दिखायी जाने

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