कर्नाटक चुनाव में महज 3 दिन का समय शेष बचा है, ऐसे में राजनातिक गलियारों में हर जगह सिर्फ चुनाव के ही चर्चें जोरों पर हैं। लेकिन चुनाव से पहले कुछ ऐसा हुआ है जिसने चुनाव की नींव हिलाकर रख दी है। बेंगलुरू के जलाहल्ली इलाके के एक फ्लैट से करीब 9746 वोटर आईडी कार्ड बरामद किए गए हैं। जिससे प्रशासन से लेकर चुनाव आयोग तक में हड़कंप मच गया है। इस संबंध में चुनाव आयोग ने मंगलवार देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन पहचान पत्रों की जांच के आदेश दिए हैं।

सेंकड़ों की संख्या में वोटर कार्ड मिलते ही कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग तेज हो गई हैं। दोनों पार्टियाँ एक दूसरे पर इल्जाम मढ़ने में लगी हुई हैं। बीजेपी ने इस सबंध में एक कांग्रेस नेता पर आरोप लगाते हुए कहा, कि यह अपार्टमेंट एक कांग्रेसी नेता का है। साथ ही बीजेपी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि राजा राजेश्वरी नगर निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव रद्द कर दिए जाएं। तो वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया है कि जहां पर यह वोटर कार्ड पाए गए हैं वह भाजपा के नेता का फ्लैट है और कहा, कि यह सब बीजेपी की चालबाजी है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजीव कुमार ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया, कि हमने मौके पर एक टीम भेजी थी। जगह की अच्छे से छानबीन के बाद वहां से पांच लैपटॉप और एक प्रिंटर भी बरामद हुआ है। उन्होंने कहा, कि राज राजेश्वरी स्थित फ्लैट में एक लाख स्लिप भी मिली हैं। जो कि निर्वाचन सूची में नाम जोड़ने वाली पर्ची से मिलती जुलती हैं। उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच में वोटर कार्ड सही पाए गए हैं, जबकि एक लाख स्लिप की अभी जांच की जाना बाकी हैं।

वहीं इस संबंध में बीजेपी नेता सदानंद गौड़ा ने ट्वीट करते हुए कहा, कि यह बेंगलुरू के लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, कि इस फर्जीवाड़े के पीछे राजराजेश्वरी नगर से कांग्रेसी उम्मीदवार मुनिरत्ना नायडू का हाथ है। बता दें, इस विधानसभा क्षेत्र में 4 लाख 35 हजार 439 वोटर हैं।

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