मोदी सरकार ने दिवाली से ठीक पहले उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को दीवाली का तोहफा दिया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट ने उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला लिया है। यह लाभ ना सिर्फ केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों बल्कि राज्यों के उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों को मिलेगा। एक अनुमान के मुताबिक इस फैसले से लगभग साढ़े सात लाख कर्मियों को लाभ मिलेगा।

बैठक के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी समेत मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन आने वाले सभी उच्च शिक्षण संस्थानों पर वेतन वृद्धि की यह सिफारिश लागू होगी। इसके अलावा राज्य विश्वविद्यालयों, उच्च संस्थानों, सरकारी सहायता प्राप्त महाविधालयों और संस्थानों को भी इसका लाभ मिलेगा। इस तरह से 119 केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थान, 329 राज्य विश्वविद्यालय और 12912 सरकारी सहायता प्राप्त महाविधालय इस फैसले के जद में आएंगे।

वेतन वृद्धि का यह नियम 1 जनवरी 2016 से लागू होगी, जिससे सरकार पर कुल  9800 करोड़ रुपए का बोझ पड़ने का अनुमान है। जावड़ेकर ने बताया कि इस पर आने वाले खर्च में केंद्र 50 फीसदी राशि की हिस्सेदारी करेगा, बाकी राशि राज्यों को खुद देना होगा।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार के इस फैसले से शिक्षकों के वेतन में 22 से लेकर 28 फीसदी यानी 10400 से लेकर 49800 रूपए तक की बढ़ोत्तरी होगी।

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