दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा में लगे सीआईएसएफ ने जो डेटा रिलीज किया है उसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। आपको बता दें कि सीआईएसएफ  ने बताया कि इस साल अभी तक जेब काटने के मामले, पिछले साल के मुकाबले 3 गुना ज्यादा हैं। जनवरी से मई तक के डेटा को देखें तो पॉकेट मारी में 77 फीसदी महिलाएं पकड़ी गई हैं। आपको बता दें कि CISF के डेटा के अनुसार, पकड़े गए 521 पॉकेटमारों में से 401 महिलाएं (77 प्रतिशत) थीं। 148 पॉकेटमारों को यात्रियों की मदद से पकड़ा गया।

दिल्ली मेट्रो में पिछले साल की तुलना में इस वर्ष के पहले पांच महीनों में पकड़े गए जेबकतरों में करीब तीन गुना वृद्धि को देखते हुए सीआईएसएफ ने जेबकतरों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत चोरी पर रोक लगाने के लिए एक टीम बनाई गई है जिसमें एक सब-ऑफिसर और एक कॉन्सटेबल होगा जो संदिग्धों पर हर तरह से नजर रखेगा। इनकी मदद के लिए ग्राउंड पर स्टाफ तैयार रहेगा। टीम सादे कपड़ों में होगी जिससे वह लोगों के बीच में रहकर संदिग्धों को पकड़ सकेंगे।

पॉकेट मार गैंग के बारे में बात करते हुए अफसरों ने बताया कि जो महिलाएं इन पॉकेटमार गैंग में काम करती हैं वो अक्सर अपने बच्चों को साथ लेकर ही चलती हैं। जिससे लोगों का ध्यान बांटा जा सके। एक अफसर ने बताया, ‘लोग बच्चे के साथ सफर कर रही महिला पर शक नहीं करते और इसी का फायदा वे उठाती हैं।’  आपको बता दें कि इसी महीने की 2 तारीख को CISF ने  21,  3 को 15 और 4 तारीख को 16 महिलाओं को पकड़ा है। इनसे गोल्ड जूलरी और कैश बरामद किया गया है। आरोपियों को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया है। एक अफसर ने कहा कि जेब कटने की घटना की शिकायत और रिपोर्ट जरूर करें जिससे हमें इनकी संख्या का सही अंदाजा लग पायेगा।

पुलिस के अनुसार सबसे ज्यादा पॉकेट मारी की घटनाएं चांदनी चौक, शाहदरा, हुडा सिटी सेंटर, कीर्ति नगर, नई दिल्ली,राजीव चौक और तुगलकाबाद में होती हैं इसलिए CISF की  स्पेशल टीम अब  हर मेट्रो लाइन पर चोरी रोकने के लिए यह अभियान चलाएगी।

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