राजधानी दिल्ली के लुटियंस जोन में अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले अलॉट किए गए हैं। खास बात ये है कि जिन मुख्यमंत्रियों को ये सरकारी बंगले अलॉट किए गए हैं वह या तो भाजपा के हैं या एनडीए गठबंधन से हैं।

अब, सवाल यह है कि जिन मुख्यमंत्रियों को अपने राज्य में रहना चाहिए उन्हें दिल्ली में बंगले अलॉट करने का औचित्य क्या है। ध्यान देने वाली बात ये है कि किसी भी विपक्षी दल के एक भी मुख्यमंत्री ने बंगले के लिए आवेदन नही किया है।

यह जानकारी एक आरटीआई के माध्यम से निकलकर सामने आई है, कि मोदी सरकार के आने के बाद लुटियंस जोन में नियमों के विरुद्ध रह रहे नेताओं से बंगले खाली कराने के दौरान सरकार ने करीबियों को बंगला आवंटित करने में पूरी दरियादिली दिखाई है।

आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक जिन मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले का लाभ मिला है उनमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव उर्फ केसीआर, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हैं।

इन तर्कों पर बंगले किए गए अलॉट

इनमें केसीआर को 23. तुगलक रोड/टाइप-8 बंगला तीन जून 2015 को अलॉट किया गया था। बंगले के आवेदन के लिए कारण दिया गया था कि, एपी भवन में बिल्डिंग व अन्य प्रॉपर्टी का बंटवारा हो रहा है। मुख्यमंत्री के दिल्ली प्रवास के दौरान कोई वैकल्पिक आवास नहीं है।

वहीं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू को 7, सफदरजंग रोड/टाइप-8 बंगला 06 अप्रैल 2016 को अलॉट किया गया था। इसका आधार भी वही कारण बनाया गया जो केसीआर का था।

असम के मुख्यमंत्री सोनोवाल को 29,कैनिंग लेन/टाइप-6बी बंगला 02 सितंबर 2016 को अलॉट किया गया था। इसका कारण दिया गया कि असम भवन जहां मुख्यमंत्री का कार्यालय व आवास है वहां निर्माण कार्य चल रहा है जिसमें अभी कुछ साल लगेंगे।

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास को एबी-13, मथुरा रोड/टाइप-7 बंगला 21 दिसंबर 2015 को अलॉट किया गया था। इसका आधार बनाया गया कि दिल्ली में स्थित झारखंड भवन में निर्माण कार्य चल रहा है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को एबी-1, पुराना किला रोड, टाइप-7 बंगला 28 जून 2017 को अलॉट किया गया था। इसका आधार भी उत्तराखंड भवन में निर्माण कार्य को बनाया गया था।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 6, के कामराज लेन, टाइप-7 बंगला 27 नवंबर 2017 को आवंटित किया गया था। इसके कारण में राज्य भवन में स्थान न होने का हवाला दिया गया था।

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव को 6, तालकटोरा रोड, टाइप 6बी बंगला 24 अप्रैल 2018 को दिया गया था। इसमें बिप्लब ने कारण दिया था कि उनकी पत्नी व बच्चे नई दिल्ली में ही रहेंहे और उनके लिए सुरक्षा की दृष्टि से सरकारी आवास आवश्यक है।

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