बुधवार की सुबह असम वासियों के लिए काफी मुश्किल भरी रही। यहां पर  6.4 तीव्रता से भूकंप आया है। एक बार नहीं बल्की तीन बार असम को भूकंप का सामना करना पड़ा है। असम में तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इनमें सबसे पहले 6.4 तीव्रता का भूकंप था। इसके बाद 7 बजकर 58 मिनट पर 4.3 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया और इसके बाद 8 बजकर 1 मिनट पर 4.1 तीव्रता का भूकंप आया। साथ ही बिहार और बंगाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। असम में भूकंप के कारण किसी की जान तो नहीं गई है। लेकिन काफी नुकसान हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि, किस तरह से दीवारें फट गई हैं। जमीन के दो हिस्से हो गए हैं।

ट्विटर पर वायरल हो रही तस्वीरों को देख कर पता चल रहा है कि, भूकंप का झटका कितना भयानक था। जमीन बुरी तरह फट गई है और दीवारें टूट चुकी हैं। एक बार नहीं असम को एक दिन में तीन बार जोरदार भूकंप का झटका झेलना पड़ा है।

इस इलाके में सुबह 7 बजकर 51 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है।  खबर के अनुसार कोई नुकासन नहीं हुआ है। लेकिन लोगों में डर बैठ गया है। लोग घरों को छोड़ सड़क या मैंदान में खड़े हैं।

वहीं बिहार और बंगाल में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने असम के सीएम सर्वानंद सोनोवाल से बात कर केंद्र की ओर से हर संभव मदद मुहैया कराए जाने का आश्वासन दिया है।

असम में तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इनमें सबसे पहले 6.4 तीव्रता का भूकंप था। इसके बाद 7 बजकर 58 मिनट पर 4.3 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया और इसके बाद 8 बजकर 1 मिनट पर 4.1 तीव्रता का भूकंप आया। 

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घटना के तुरंत बाद ही असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने ट्वीट किया उन्होंने लिखा कि, सभी जिलों से जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। असम में भूकंप के झटके के बाद सभी के सुरक्षा की कामना करता हूं।

बता दें कि, तीन बार भूकंप को देखने के बाद असम 10 साल पीछे चला गया। आज के 10 साल पहले राज्य में भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। साल 2011 में सिक्किम में इतनी ही तीव्रता का एक भूकंप आया था, जिसने तबाही मचा दी थी।

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सिक्किम और उससे सटे पहाड़ी इलाके में भूकंप के झटके ऐसे आए कि हर ओर मातम छा गया। 18 सितंबर, 2011 को सिक्कम में 6.9 की तीव्रता से भूकंप आया था, जिसमें 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी, इस भयानक भूकंप में जान गंवाने वाले कई विदेशी भी थे।

सिक्किम में भूकंप के बाद तत्कालीन केंद्र सरकार ने NDRF, सेना समेत अन्य एजेंसियों को राहत के काम में लगा दिया था। सितंबर, 2011 में आए सिक्किम में भूकंप के कुछ वक्त बाद हरियाणा में भी भूकंप आया था, जिसका असर दिल्ली और आसपास के इलाकों में हुआ था, हालांकि उसका असर इतना अधिक नहीं था।

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