यूपी में चुनाव चरम सीमा पर हैं, देखते ही देखते यूपी चुनाव पांचवें चरण तक जा पहुंचे हैं। राजनेता एडी से चोटी तक का जोर लगा रहे हैं। कहते हैं मोहब्बत और जंग में सब जायज है,तो यूपी के रण में छिड़ी इस जंग को किनारे तक लेकर जाने के लिए पार्टियां साम, दाम, दंड, भेद सारी चाणक्य नीतियां अपना रही हैं। गौर करें तो पूर्वांचल के मतदान में कई सीटों पर बाहुबलियों की टक्कर है। बीएसपी के मऊ उम्मीदवार माफिया मुख्तार अंसारी की पैरोल को दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया तो उसकी पहरवी कर रहे हैं कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल जो कि पेशे से एक वकील भी हैं। मायावती की अंसारी के असर को लेकर मुस्लिम वोटरों पर निगाहें थी, चूंकि अब पैरोल रद्द हो गई तो चुनाव जेल से ही लड़ना पड़ेगा। बीजेपी धनबल पर चुनाव जीतने की तैयारियों में है, आंकड़ों की मानें तो बीजेपी अब तक 150 करोड़ चुनाव के विज्ञापनों पर खर्च कर चुकी है और बीजेपी मोदी के चेहरे पर दांव खेल रही है। यानि सारी बातों को ध्यान में रखा जाए तो पासा 4M फैक्टर्स पर फेंका जा रहा है जो कि है मनी, मुस्लिम, माफिया और मोदी

इन्हीं 4M फैक्टर्स के मुद्दे पर 27 फरवरी को एपीएन के स्टूडियो में एंकर अन्नत त्यागी के संचालन में जवाब तलब किए गए। साथ ही विनय कटियार के मंदिर बयान और अमिता सिंह के बयान पर भी चर्चा हुई। इन्हीं तमाम मुद्दों पर बातचीत करने के लिए डॉ मधु गुप्ता (प्रवक्ता, सपा) जीशान हैदर (प्रवक्ता, यूपी कांग्रेस), सूरजभान कटारिया (नेता, बीजेपी) और गोविंद पंत राजू (सलाहकार सम्पादक, एपीएन) ने अपने अपने विचार रखें।

सूरजभान कटारिया ने कहा कि यूपी में मोदी जी अपने कामों की वजह से मैदान में हैं। सपा, बीएसपी बाहुबलियों पर चुनाव लड़ती हैं। योगी आदित्यनाथ का जिक्र हुआ तो कटारिया जी ने कहा कि अंसारी जी और योगी जी की कोई तुलना नहीं है।  विनय कटियार के द्वारा दिए गए मंदिर मुद्दे के बयान पर उन्होंने कहा कि हालांकि उनका बयान न्यायालय में विचाराधीन है, और रही बात विनय जी की तो वह आमतौर पर इस मुद्दे पर बोलते रहते हैं यह उनका व्यक्तिगत बयान है, उनका निजी विचार है। बीजेपी पार्टी दागदार चेहरों को प्रत्याशी नहीं बनाती और सपा और बसपा दागियों को प्रमुखता से आगे बढाने का काम करती है। मनी पावर की बात करें तो बीजेपी के पास पाई पाई का हिसाब है, पैसा योजनाओं के तहत खर्च किया गया है।

डॉ मधु गुप्ता ने कहा कि सपा का एजेंडा विकास है, वह कोई भेदभाव नहीं करती। लैपटॉप बांटे मगर बिना भेदभाव के। श्मशान कब्रिस्तान की बातें सपा वाले नहीं करते। गायत्री प्रजापति पर उनका कहना था कि अगर उन पर आरोप साबित हो जाते हैं तो उन्हें कोई पद नहीं दिया जाएगा। हम ज्यूडिसरी में विश्वास रखते हैं। केंद्र सरकार भड़काऊ बयान देती है। हमारे सीएम साफ सुथरी छवि के हैं, उन्होंने माफिया लोगों को टिकट नहीं दिया था तो हमारे नेता बीजेपी और बीएसपी में चले गए थे। मोदी जी ने विमुद्रीकरण के नाम पर औरों का पैसा छीना। नोटबंदी अब वोटबंदी सिद्ध हो रही है।

जीशान हैदर ने अपनी बात रखते हुए कहा कि कपिल सिब्बल एक वकील भी है और अगर वो उसके नाते अपने क्लाइंट यानि अंसारी की पहरवी कर रहे हैं तो क्या गलत है? उसको राजनीति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। अमिता सिंह के लड़ाई कभी दोस्ताना नहीं हो सकती के बयान पर उन्होंने कहा कि उनकी बात सही है। सपा के गायत्री प्रजापति भी अमेठी से उम्मीदवार हैं। जीत गठबंधन की होगी। मोदीजी की सरकार हिटलरशाही सरकार है। नोटबंदी का किसी भी रैली में जिक्र नहीं किया जाता। कांग्रेस, बीजेपी की तरह धर्म जाति पर राजनीति नहीं करती, न जुमलेबाजी करती। आज भी देख लीजिए विनय कटियार का धमकी भरा बयान आ ही गया।

गोविंद पंत राजू ने कहा कि चुनाव के मुद्दे और विषय दोनों ही बदल चुके हैं।अखिलेश काम की बात करते थे, नारा भी दिया काम बोलता है। लेकिन अब सब बदल गया। गायत्री प्रजापति पर इतना संगीन आरोप है. उसे बर्खास्त नहीं किया। बीजेपी का मंदिर मुद्दा सहीं है, लेकिन इस तरीके से कि अयोध्या में रहना है तो मंदिर कहना है, ऐसा बयान निंदनीय है। सपा कांग्रेस के गठबंधन को कागजी ठहराते हुए गोविंद जी ने कहा कि अमेठी से गठबंधन की असलियत सामने आ जाएगी। रही बात मनी पावर की तो सारे उम्मीदवारों को एक जैसी परिस्थिति मिलनी चाहिए। चुनावों में पैसों का दुरुपयोग किया जा रहा है। वोटरों को नकद पैसे देकर अपने पक्ष में करना राजनीति को कलंकित करना है। जो कि नहीं होना चाहिए।

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