बिहार में पिछले वर्ष लागू हुई शराबबंदी के बाद पहली बार राज्य सरकार ने बजट पेश किया। बिहार सरकार के वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अपने बजट भाषण को बहुत ही संक्षिप्त रखा। अपने भाषण में उन्होंने नोटबंदी पर बोलते हुए कहा कि बिहार पर इसका कोई असर नहीं होने दिया जायेगा। वित्त वर्ष 2017-2018 में उन्होंने अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर खास ध्यान देने की बात भी कही है।

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वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कुल 1.66 लाख करोड़ रुपये के बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क और कृषि समेत सात निश्चय के कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी है। पिछले बजट की तुलना में इस बार 15 हजार करोड़ ज्यादा का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री ने इसके अलावा केंद्र सरकार की कैशलेस योजना में सहयोग देने के उद्देश्य से प्लास्टिक मनी(क्रेडिट और डेबिट कार्ड) को बढ़ावा देने की बात भी कही है। उन्होंने कहा कि अभियान चलाकर पीओएस मशीनें लगाई जाएँगी और कर चोरी रोकने के उपाए भी किये जायेंगे।

बजट में गैर योजना और योजना आकार का अंतर खत्म कर दिया गया है। इस वित्त वर्ष में राज्य का राजकोषीय घाटा 18 हजार 112 करोड़ के होने का अनुमान है। यह राज्य की जीडीपी का 2.87 प्रतिशत है। इस बजट में शिक्षा पर विशेष जोर देते हुए 25 हजार 251.39 का प्रावधान किया गया है। राज्य की सेहत को सुधारने के लिए स्वास्थ्य में 7 हजार 1 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा  कल्याण मद में 9 हजार 439 करोड़ का प्रावधान, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 1460 करोड़ रुपया राज्य मद के खर्च के लिए, 410.00 करोड़ रुपये पिछड़े वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति के वजीफे के लिए दिया गया है। इन घोषणाओं के अलावा 240.00 करोड़ रुपए बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड में निवेश के लिए भी जारी किये गए हैं।

बजट भाषण पूरी तरह से नितीश सरकार के चुनाव में किये गए वादे और उनके सात निश्चय पर आधारित है। गौरतलब है कि नितीश कुमार ने अपने चुनावी वादों में हर घर नल का जल, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, 24 घंटे बिजली की उपलब्धता, शौचालय निर्माण, अवसर बढ़ें आगे पढ़ें, महिला आरक्षण और शराबबंदी जैसे सात वादे किए थे। सरकार बनने के बाद से इनमे से कई वादे पूरे करने का दावा भी होता रहा है। ऐसे में यह बजट पूर्णतः इन्ही वादों को केन्द्रित रख कर पेश किया गया।

बिहार में मुख्य विरोधी दल भारतीय जनता पार्टी ने इस बजट की आलोचना करते हुए इसे निराशजनक और सरकर की नाकामियों को छुपाने वाला बताया है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने बजट पर कहा कि नितीश सरकार का वर्ष 2017-18 का बजट जनता को धोखा देने वाला है। उन्होंने कहा कि अपने बीस मिनट के अति संक्षिप्त बजट भाषण में सरकार ने अपनी नाकामियों को छिपाने की कोशिश की है।

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