कहते हैं किसी से मोहब्बत करों तो इतनी शिद्दत से करों कि सारी कायनात उसे आपसे मिलाने में लग जाए और ऐसी ही शिद्दत के साथ शायद स्वपन सेठ ने भी अपनी बीवी से मोहब्बत की होगी कि उनकी बीवी मौत के मुंह से बाहर आ गई। मोहब्बत की ये नई दास्तां लिखने वाले कोलकाता के स्वपन ने अपनी बीवी की जान बचाने के लिए पूरे 8 साल मेहनत की।

गौरतलब है कि स्वपन सेठ को 2002 में पता चला था कि उनकी बीवी को गर्भाशय में कैंसर है, ये सुनकर स्वपन को धक्का जरुर लगा लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। स्वपन में कला कूट कूट कर भरी थी जिसका इस्तेमाल उन्होंने न सिर्फ अपनी पत्नी की जान बचाने में किया बल्कि दूसरे लोगों को भी जागरुक किया।

बता दें कि स्वपन पेशे से पेंटर, मूर्तिकार, वायलिनिस्ट हैं और स्वपन ने अपने इन्हीं वायलिन और स्कैचों के साथ पूरे देश का भ्रमण किया, एक शहर से दूसरे शहर तक सफर किया। अपनी बीवी के इलाज की फंडिग के लिए उन्होंने परफॉर्म करना शुरु किया, उन 8 सालों में दिन-रात मेहनत की, खून-पसीना एक किया। 72 साल के इन बुजुर्ग को जब कोई देखता था तो दंग रह जाता था, इस उम्र में अपनी बीवी की जान बचाने की खातिर स्वपन वायलिन बजाते हुए घूमते थे। अपनी इसी कला से उन्होंने 40 हजार तक रुपए जमा किए और आखिर स्वपन कामयाब हो गए और अपनी पत्नी का इलाज कराया। उनकी बीवी चाहती थी कि उन्हें बीमार न कहा जाए, इसीलिए स्वपन उनकी बीमारी को लेकर ज्यादा बातचीत नहीं करते।

भले ही उनकी बीवी अब एक सामान्य ज़िदंगी जी रही हैं लेकिन दूसरों को जागरुक करने का उनका यह काम अब भी जारी है।

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