मुंबई का मरोल इलाका बुधवार देर रात आग की लपटों से दहक उठा। मरोल इलाके में स्थित मैमून बिल्डिंग में लगी आग से 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 7 लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज जारी है। फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है। 5 मंजिला मैमून बिल्डिंग की तीसरी मंज़िल पर आग रात करीब डेढ़ बजे लगी थी।

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मौके पर पहुंची दमकल की 8 गाड़ियों ने आग पर नियंत्रण कर लिया गया है, साथ ही दमकल ने समय रहते इमारत में फंसे अन्य लोगों को भी बचा लिया। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है, कि बिल्डिंग में आग शार्ट सर्किट के कारण लगी है। मरने वालों में 45 वर्षीय तसनीम कापसी, 8 वर्षीय मोइज कापसी, 15 वर्षीय सकीना कापसी और 70 वर्षीय कापसी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि सभी मौतें दम घुटने से हुई है। बता दे, आग लगने के 45 मिनट के भीतर आग पर काबू पाया लिया गया। साथ ही आग का कारण जानने के लिए जांच शुरु कर दी गई है।

सभी घायलों का कुपर और मुकुंद अस्पताल में इलाज चल रहा हैं। क्षेत्रीय निवासियों का आरोप है, कि फायर ब्रिगेड अगर समय पर आ जाती तो इतनी बड़ी दुर्घटना होने से टल जाती। इस हादसे में एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई।

बता दे, इससे पहले 29 दिसंबर को मुंबई के कमला मिल कंपाउंड में आग लग गई थी। यह आग कंपाउंड में स्थित एक रेस्टोरेंट में लगी थी जो पूरे कंपाउंड में फैल गई थी। इस आग में 14 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 19 लोग बुरी तरह घायल हो गए थे।

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कमला मिल कंपाउंड हादसे के मामले में 3 जनवरी को ब्रिटेन में पढ़ रहे 18 वर्षीय छात्र गर्व सूद ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर हादसे की CBI जांच की मांग की थी। गर्व सूद ने अपनी याचिका में कहा था, कि कमला मिल्स के मालिकों पर भी इस अग्निकांड के लिए IPC की धारा 304 के तहत गैर-इरादतन हत्या का केस चलाया जाना चाहिए। सिर्फ ‘वन अबव’ पब के मालिकों के खिलाफ ही गैर-इरादतन हत्या और लापरवाही का मामला चलाना पर्याप्त नहीं है।

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