इराक में मारे गए 39 भारतीयों में से 38 भारतीयों के पार्थिव अवशेष भारत पहुंच चुके हैं। सोमवार को 39 मृतकों में से 38 शवों के साथ विशेष विमान अमृतसर हवाई अड्डे पर पहुंचा। बता दें कि इनके शवों की पहचान DNA जांच के आधार पर की गई है। वहीं एक शव के DNA को परिजनों के DNA नमूने से केवल 70 फीसदी मिलान हो पाने की वजह से उसे भारत नहीं लाया जा सका है। मृतकों में से 27 पंजाब, चार हिमाचल प्रदेश, दो पश्चिम बंगाल और छह बिहार के रहने वाले थे।
आपको बता दें कि इराक में मारे गए भारतीयों के शव को लाने के लिए विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह इराक गए थे। सोमवार को मृतकों के परिजनों की मदद के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘यह कोई फुटबॉल का खेल नहीं है। केंद्र और राज्य की दोनों सरकारें संवेदनशील हैं। विदेश मंत्री ने परिजनों से उन लोगों की जानकारी मांगी है, जिन्हें नौकरी दी जा सके, हम उन पर विचार करेंगे।
वहीं, पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने सभी मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के अलावा पीड़ित परिवारों को पहले से मिल रही 20 हजार रुपये की मासिक पेंशन जारी रखने की घोषणा की है।
गौरतलब है कि 20 मार्च को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इराक में 2014 से लापता सभी 39 भारतीयों की मौत होने की जानकारी दी थी। उन्होंने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) पर हत्या का आरोप लगाया था। विदेश मंत्री के मुताबिक सभी भारतीयों के पार्थिव अवशेष बोडोस की एक पहाड़ी से मिले थे, जिन्हें फॉरेंसिक जांच और डीएनए पहचान के लिए बगदाद भेजा गया था।