वाराणसी के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में स्थित सर सुन्दरलाल अस्पताल के आपरेशन थियेटर में पिछले 24 घंटे में तीन मौत होने की घटना सामने आई है। इस मामले की जानकारी मीडिया में आने के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कम्प मचा हुआ है। आनन-फानन में अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डा.ओपी उपाध्याय ने दो दिन के लिए आपरेशन थियेटर को बंद करने आदेश जारी किया है और एक आपातकालीन बैठक बुलायी है। अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद ही मामला स्पष्ट हो पायेगा कि आखिर मरीजों की मौत आपरेशन के बाद कैसे हो गयी है। इस अस्पताल को पूर्वांचल का एम्स कहा जाता है। सूत्रों की मानें तो बीते 24 घंटे में 3 मौते संक्रमण फैलने से हुई है।

अस्पताल में ऑपरेशन के बाद मरीजों की मौत पर पीएमओ ने भी संज्ञान ले लिया है।  पीएमओ के निर्देश के बाद यहाँ पहुंचे कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने यहाँ अस्पताल के जिम्मेदार लोगों के साथ एक बैठक भी की है। कमिश्नर ने बीएचयू द्वारा गठित सात सदस्यीय जांच समिति में एडीएम प्रशासनक को भी शामिल कर दिया है। बीएचयू की ओटी में सप्लाई होने वाले गैस पाइप लाइन को सील कर दिया गया है। कमिश्नर ने ओपीडी खुला ऱखने का भी निर्देश दिया है।

इस मामले के सामने आने के बाद अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डा.ओपी उपाध्याय ने माना की आपरेशन के बाद दो दिन के भीतर तीन मरीजों की अचानक मौत हो गयी है। उन्होंने बताया कि यूरोलाजी विभाग के डा.समीर त्रिवेदी के दो मरीजों की मौत के बाद उन्होंने संदेह व्यक्त किया था। जिसके बाद से एक आपातकालीन बैठक बुलायी गयी है। हालांकि उन्होंने शुरुआती जांच में आशंका जतायी है कि ओटी में जो गैस नाइट्रस आकसाइड का इस्तेमाल होता है उसके केमिकल में कोई खामी हो सकती है। इस वजह से ही ओटी में होने वाले सभी मेजर आपरेशन को दो दिन के लिए बंद कर दिया गया है। नाइट्रस आकसाइड को सील कर इसे जांच के लिए भी भेजा गया है।

इसके अलावा अस्पताल प्रशासन ने विभिन्न ओटी में जिन मरीजों के आपरेशन हुए उनमें से 15 की हालत गंभीर होने के चलते उन्हें वार्ड में शिफ्ट करने के बजाय आइसीयू में रखा गया है। आइसीयू के फुल हो जाने पर अतिरिक्त बेड का इंतजाम करते हुए कुछ मरीजों को पोर्टेबल वेंटिलेटर पर रखा गया है। इस घटना के बाद से ही अस्पताल के ओटी और चिकत्सकीय व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है।

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