देश भर में सरहदों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में तैनात जवान लगातार समस्याओं से लड़ते नजर आ रहे हैं। बाहर के दुश्मनों के साथ नक्सलियों और अपराधियों से जूझने वाले जवान लगातार अपने खुद के विभाग और सुस्त कार्यप्रणाली से भी जूझ रहे हैं। कुछ दिनों से लगातार ऐसे मामले सामने भी आ रहे हैं। जवान कहीं ख़राब खाने तो कहीं उत्पीड़न की शिकायत करते नज़र आ रहे हैं। इस बाबत कई वीडियो,पत्र और अन्य माध्यमों का प्रयोग किया गया है लेकिन बावजूद इसके इन मामलों में नतीजा शून्य रहा है। न इन मामलों में कोई कारवाई हुई न कोई कमी दिखी है।

जवानों के उत्पीड़न का एक ऐसा ही मामला कर्नाटक के बैंगलोर से सामने आया है। यह मामला अब हाई कोर्ट में हैं। इस मामले में बैंगलोर के केम्प गोडा एअरपोर्ट पर तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 200 जवानों ने उत्पीड़न,खराब खाने और भत्ता न मिलने की शिकायत करते हुए अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जवानों की शिकायत है कि उन्हें मिलने वाले खाने की गुणवत्ता काफी ख़राब है। इसके अलावा उन्हें शिफ्ट्स के बीच में कोई ब्रेक नहीं मिलता है। जवानों ने रहने के लिए घर और आने-जाने के लिए मिलने वाले यात्रा भत्ता भी नहीं मिलने की शिकायत भी की है। जवानों का यह भी कहना है कि बड़े और वरिष्ठ अधिकारी जवानों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और मनमाने ढंग से सैलरी भी काट ली जाती है।

जवानों के इस शिकायत के बाद हड़कंप मच गया है। ख़बरों के मुताबिक जवानों ने इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिख कर अपनी समस्या बताई थी लेकिन इस दिशा में कोई कारवाई नहीं हुई। इसके बाद जवानों ने कोर्ट का रास्ता अपनाया है।

गौरतलब है कि बीतें तीन सालों में अर्ध सैनिक बालों के 344 जवानों ने आत्महत्या की है। इसमें 53 जवान सीआईएसएफ़ के थे। 15 जवानों ने 2017 के शुरुआती तीन महीनों में आत्महत्या कर ली। इसके अलावा 25 मामलों में अपने ही सहकर्मी की हत्या या फायरिंग की बात सामने आई थी। इसमें 13 जवान सीआईएसएफ के थे।

यह आंकड़े खुद गृह मंत्रालय ने जारी किये हैं। ऐसे में मानसिक तनाव,समय से ज्यादा ड्यूटी, परिवार से दूरी,खराब खाना,कम वेतन,प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझते जवानों के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है और कितनी गंभीर है इस पर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। सरकार से मिली मायूसी के बाद जवानों को अब कोर्ट का सहारा है। ऐसे में अब कोर्ट क्या फैसला देती है और क्या करवाई होती है यह तो वक्त आने पर पता चलेगा।

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