Environment News: वायु प्रदूषण का भारत पर असर, घट रही औसत आयु, दक्षिण एशिया के हालात बेहद खराब

Environment News: मौजूदा वायु गुणवत्‍ता स्तरों पर औसत भारतीयों की जीवन प्रत्‍याशा 5 वर्ष कम हो गई है। जोकि बेहद चिंता की बात है। ये हाल पूरे दक्षिण एशिया महाद्वीप में बना हुआ है।

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Environment News: देश में लोगों की औसतन आयु में 5 वर्ष की कमी दर्ज की गई है। ये हम नहीं कह रहे हैं बल्‍कि शिकागो यूनिवर्सिटी में ऊर्जा नीति संस्‍थान की ओर से जारी एयर क्‍वालिटी लाइफ इंडेक्‍स में कहा गया है। रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि उत्‍तर भारत में रहने वाले करीब 51 करोड़ लोगों का जीवन औसतन 7.6 वर्ष कम हो रहा है। जोकि हमारे देश की आबादी का करीब 40 फीसदी है।

इसकी मुख्‍य वजह वायु प्रदूषण और उससे होने वाला नुकसान है। वहीं मौजूदा वायु गुणवत्‍ता स्तरों पर औसत भारतीयों की जीवन प्रत्‍याशा 5 वर्ष कम हो गई है। जोकि बेहद चिंता की बात है। ये हाल पूरे दक्षिण एशिया महाद्वीप में बना हुआ है। जहां वायु का शुद्ध मानक स्‍तर लगातार घटता जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो आने वाले समय में लोगों को खुली और ताजी हवा में सांस लेना बेहद मुश्किल हो जाएगा।

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Environment News: दिल्‍ली में जीवन 10 वर्ष कम हो रहा

बात देश की राजधानी दिल्‍ली की करें तो यहां जीवन 10 वर्ष कम हो रहा है।दिल्‍ली की गिनती आज दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में हो रही है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के निर्देशों पर ध्‍यान दें तो ये वैश्विक जीवन प्रत्‍याशा को 2.2 वर्ष कम कर रहा है।

Environment News: प्रदूषण वृद्धि के कारण

भारत में पिछले दो दशकों में सबसे ज्‍यादा बढ़ोतरी वायु प्रदूषण में हुई है।इसकी वजह लगातार बढ़ता औद्योगिकीकरण, आर्थिक विकास, जीवाश्‍म ईंधन का आसमान छूता इस्‍तेमाल भी है। इसके अलावा सड़कों पर वाहनों की संख्‍या भी लगभग चार गुना बढ़ गई है।

Environment News: हवा में पीएम कंसट्रेशन सबसे ज्‍यादा

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शिकागो यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2013 के बाद से वैश्विक प्रदूषण का लगभग 44 फीसदी हिस्‍सा भारत से आया है। जोकि वर्तमान में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्रदूषित देश है। इसके अलवा 63 फीसदी से अधिक भारतीय उन इलाकों में रहते हैं जोकि वायु गुणवत्‍ता मानक के मामलों में बेहद खराब है।

वर्ष 2019 में भारत को औसत पार्टिकुलेट मैटर कंसट्रेशन 70.3 यूजी था, जोकि दुनिया में सबसे अधिक है। ये बेहद खतरनाक स्‍तर है, श्‍वसन के द्वारा जो हवा में हम खींचते हैं, उनमें इतने महीन और खतरनाक कण घुले हैं कि जान का जोखिम बन जाता है। यही वजह है कि लगातार लोगों में अस्‍थमा, सांस की परेशानी, त्‍वचा एवं खाज रोग बड़ी ही तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही आंखों में जलन, पानी आना भी प्रमुख लक्षण हैं।

Environment News: यहां जानिये देश के 10 सर्वाधिक प्रदूषित राज्‍य और 10 सर्वाधिक प्रदूषित शहर

10 सर्वाधित प्रदूषित राज्‍य10 सर्वाधित प्रदूषित शहर
1 दिल्‍ली-एनसीआर दिल्‍ली-एनसीआर
2 उत्‍तर प्रदेश गोपालगंज
3 बिहार जौनपुर
4 हरियाणा सीवान
5 त्रिपुरा आगरा
6 पंजाब प्रतापगढ़
7 पश्चिम बंगाल उन्‍नाव
8 झारखंड लखनऊ
9 छत्‍तीसगढ़ आजमगढ़
10 राजस्‍थान फिरोजाबाद

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