देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पंजाब नेशनल बैंक में फरवरी 2018 में भारतीय बैंकिंग के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला सामने आया था। पीएनबी ने पिछली तिमाही यानी जनवरी-मार्च 2018 और पिछले वित्त वर्ष के वित्तीय परिणाम जारी कर बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा घाटा होने की सूचना दी।

बैंक को इस तिमाही में 13,417.91 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। नीरव मोदी और उसके सहयोगियों ने पीएनबी को कुल 14,356 करोड़ रुपये का चूना लगाया था। घोटाले की राशि का 50 फीसद यानी 7,178 करोड़ रुपये की राशि का समायोजन बैंक को अपने खाते से करना पड़ा है।  रही-सही कसर बढ़ते फंसे कर्ज ने पूरी कर दी है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 260 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था।

पूरे वित्त वर्ष के परिणाम पर नजर डालें तो बैंक को 12,283 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। बैंक के पूरे वित्तीय परिणाम पर नजर डालें तो शायद ही कोई सकारात्मक संकेत मिले। एक तरफ से फंसे कर्जो की स्थिति और बिगड़ी है। सकल एनपीए का अनुपात बढ़कर 18.38 फीसदी तो शुद्ध एनपीए 11.24 फीसदी हो गया। सिर्फ एक तिमाही में शुद्ध एनपीए 7.55 फीसदी से बढ़कर 11.24 फीसदी हो गया है।

बैंक ने उस तिमाही में एनपीए के लिए 2,996 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था जबकि जनवरी-मार्च, 2018 की तिमाही में 16,203 करोड़ रुपये का प्रावधान करना पड़ा है। संकेत इस बात के हैं कि चालू तिमाही भी कोई अच्छी नहीं रहेगी और बैंक को इसी तरह का भारी घाटा होगा।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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