Year Ender 2021: कोरोना संकट के बावजूद Sensex ने इस साल बनाया कीर्तिमान, छोटे शेयरों ने निवेशकों को दिया बम्पर मुनाफा

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sensex,Year Ender 2021
Sensex

Year Ender 2021: कोरोना संकट के कारण इस साल भारत की अर्थव्यवस्था लगातार संकट के दौर से गुजरती रही, लेकिन शेयर बाजार में Sensex ने इस साल रिकॉर्ड बनाया। इतिहास में पहली बार सेंसेक्स के आंकड़ें 50 हजार के पार पहुंचे और यह 61 हजार तक के आंकड़ों तक पहुंच गया। साथ ही कोरोना संकट के दौर में कुछ छोटे शेयरों ने निवेशकों को जमकर मुनाफा दिया।

पिछले साल Sensex में हुई थी भारी गिरावट

इस साल Sensex ने 47 हजार से 61 हजार तक के सफर को तय किया है। पिछले साल 2020 में कोरोना महामारी की जब शुरुआत हुई थी तो भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली थी। 24 मार्च 2020 को 25638.90 के निचले स्तर तक लुढ़क गया था। लेकिन इस गिरावट के बाद इसमें लगातार सुधार होता रहा। साल के अंत आते-आते यह 47 हजार तक पहुंच गया था।

Sensex के अब तक के अहम पड़ाव

Sensex पहली बार 25 जुलाई 1990 को 1 हजार के आंकड़ों के पार पहुंचा था। बाद के दिनों में यह लगातार बढ़ता रहा। हांलाकि एक हजार से 10 हजार के आंकड़ों तक पहुंचने में सेंसेक्स को 16 साल का समय लगा था। पहली बार 7 फरवरी 2006 को सूचकांक 10,000 के पार बंद हुआ था। 2007 में इसने दो रिकॉर्ड बनाए। जुलाई में यह 15,000 के पार गया, इसके बाद दिसंबर में यह 20,000 के पार गया। साल 2014 में सेंसेक्स ने पहली बार 25,000 का स्तर पार किया था। 35,000 तक पहुंचने में इसे चार साल लगे थे और 2018 में यह 35 हजार के आंकड़ों तक पहुंचा था।अक्तूबर 2020 में सेंसेक्स 40 हजार के पार पहुंच गया था। पिछले साल के आखिरी कारोबारी दिन यानी 31 दिसंबर को 47,751.33 पर बंद हुआ था।

Sensex के लिए क्यों अहम रहा यह साल?

Sensex

कोरोना संकट के बाद भी इस साल सेंसेक्स इतिहास में सबसे अधिक तेजी देखने को मिली। घरेलू इक्विटी मार्केट इंडेक्स सेंसेक्स ने इस साल 47 हजार से 61 हजार का सफर पूरा किया। सेंसेक्स के लिए यह साल इसलिए भी अहम रहा कि 40 हजार से 50 हजार पहुंचने में सेंसेक्स को करीब 21 महीने लगे थे। लेकिन इस साल यह इतना मजबूत हुआ कि महज 8 महीने में ही इसने 50 हजार से 60 हजार के आकंड़ों को पार कर लिया। सेंसेक्स 24 सितंबर 2021 को 60 हजार के पार पहुंचकर 60,048.47 पर बंद हुआ था।

बाजार में तेजी के क्या रहे कारण?

Nirmala sitharaman, Sensex
Nirmala sitharaman

जानकारों का मानना है कि कोरोना संकट के बाद जहां अर्थव्यवस्था को लेकर उहापोह बनी रही, वहीं सेंसेक्स लगातार रिकॉर्ड बनाता रहा। इसके पीछे का अहम कारण देश में तेजी से चल रहा वैक्सीनेशन और केंद्र सरकार की तरफ से समय-समय पर अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए उठाए गए कदम काफी मददगार साबित हुए। सरकार की तरफ से किए गए आर्थिक सुधारों की घोषणा के बाद छोटी कंपनियों के शेयर ने शानदार काम किया।

अभी क्या है सेंसेक्स की स्थिति?

घरेलू इक्विटी मार्केट इंडेक्स सेंसेक्स में जैसी तेजी साल के शुरुआती 10 महीनों में देखने को मिली वैसी तेजी अंतिम के दो महीनों में नहीं रही है। सेंसेक्स ने करीब दो महीने पहले अक्टूबर में 61 हजार के लेवल को पार कर लिया था। लेकिन Omicron के खतरों के बढ़ने के बाद निवेशकों को झटका लगा है और बाजार में गिरावट दर्ज की गयी। सेंसेक्स दिसंबर महीने के अंतिम सप्ताह में 58 हजार के लेवल से नीचे रहा है।

छोटे कंपनियों के शेयर ने मचाया धमाल

बाजार में तेजी के पीछे आईटी सेक्टर का अहम योगदान रहा। कोविड संकट में यह एकमात्र सेक्टर रहा है जो बिकवाली से अप्रभावित रहा है। आईटी स्टॉक पर निवेशकों ने जमकर निवेश किया और उन्हें इसका फायदा भी मिलता रहा।

Multibagger Penny Stock जैसी कंपनी ने इस साल निवेशकों का दिल जीत लिया। बताते चलें कि इस कंपनी का स्टॉक तीन साल पहले मात्र 2.16 रुपये का था। अर्थात यह 2 रुपये 16 पैसे का था। लेकिन एक समय इस साल यह पेनी स्टॉक 195.90 रुपये का हो गया। बुधवार को इसके एक शेयर की कीमत 178.30 रुपये थी। एक महीना के अंदर कंपनी के शेयर में 80 प्रतिशत तक बढ़ोतरी दर्ज की गयी। वहीं 6 महीने में इस कंपनी के शेयर में 600 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई।

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