8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था। इसके बाद 2000 और 500 के नोट जारी किए। इसकी वजह नकली नोट, आतंकवाद और काले धन पर लगाम लगाना बताया था। नोटबंदी के ज्यादा दिन हुए है और पड़ोसी देशों से नकली नोट आना शुरू भी हो गए। पाकिस्तान में छप रहे 2000 के नकली नोट बांग्लादेश बॉर्डर के जरिए भारत में भेजे जा रहे हैं साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था को खोखला भी कर रहे हैं। हाल ही में एनआईए और बीएसएफ ने 2000 के कई नकली नोट के साथ कुछ लोगों को पकड़ा हैं तभी पाकिस्तान से भारत में आ रही नकली नोटों की बात साफ हुई।

ताजा रिर्पोट से पता चला है कि भारत में किस तरह से नकली नोट आ रहे हैं। इसका ताजा मामला 8 फरवरी को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 2000 के 40 नकली नोटों के साथ एक यूवक पकड़ा गया है। यूवक ने पाक में नोटों के छपने और आईएसआई की मदद से भारत तक आने की बात स्वीकार की है। पिछले दो महीने में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। जब्त किए नोटों की जांच से पता चला है कि नए नोट में जो 17 फीचर सुरक्षा दिए गए हैं, उनमें से 11 को हूबहू नकल किया गया है। इसमें वाटरमार्क, अशोक स्तंभ और आरबीआई के गवर्नर के साइन भी शामिल हैं। हालांकि जाली नोटों की प्रिंटिंग और पेपर की गुणवत्ता खराब है। नोटों की प्रिटिंग से जुड़े सीनियर अधिकारी ने बताया कि नोटबंदी के बाद जाली नोट मिलने का पहला मामला दिसंबर के आखिरी हफ्ते में आया। उन्होंने कहा कि तब से अब तक जाली नोट को इतना सुधार लिया गया है कि आम आदमी के लिए इसे पहचानना मुश्किल है।

अधिकारी का कहना है कि पुराने नोटों के मुकाबले नए नोटों में सुरक्षा के लिए नया फीचर नहीं दिया गया है क्योंकि ऐसा करने के लिए वक्त लगता है और नए नोटों की छपाई बहुत ही कम समय हुई थी। सीमावर्ती इलाकों से डेढ़ महीने में अब तक लगभग चार करोड़ रुपए की नकली नोट पकड़े गए है।

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