Year Ender 2021: 2021 में हिंदी साहित्य में इन हस्तियों को किया गया सम्मानित, देखें पूरी लिस्ट

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हिंदी साहित्य।

साल 2021 खत्म होने को है, ऐसे में लोग अलग-अलग तरीके से इस साल की यादों को संजो रहे हैं। इस साल हिंदी साहित्य में कई साहित्यकारों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। यहां हम आपको हिंदी साहित्य के ऐसी ही कुछ पुरस्कारों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि हिंदी साहित्य की जानी-मानी शख्सियतों को प्रदान किए गए। शुरुआत करते हैं साहित्य अकादमी पुरस्कार से। बिहार की मशहूर साहित्यकार अनामिका को वर्ष 2020 के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है। उन्हें उनकी हिंदी कविता संग्रह ‘टोकरी में दिगन्त : थेरीगाथा’ के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हिंदी में कविता संग्रह के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाली ये देश की पहली महिला साहित्यकार हैं।

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कवयित्री अनामिका

हिंदी कविताओं के लिए पहले भी मिले हैं सम्मान

अनामिका मूल रूप से मुजफ्फरपुर की रहने वाली हैं। उन्हें हिंदी कविता में योगदान के लिए साहित्य अकादमी से पहले राजभाषा परिषद् पुरस्कार, साहित्य सम्मान, भारत भूषण अग्रवाल एवं केदार सम्मान आदि पुरस्कार मिल चुके हैं। अनामिका का जन्म 17 अगस्त 1961 को मुजफ्फरपुर में हुआ था। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी साहित्य में M.A. किया है। वे दिल्ली यूनिवर्सिटी से D.lit. हैं और वहीं से P.H.D. भी किया है। कविता के साथ-साथ उन्होंने उपन्यास, कहानियां भी लिखी हैं। कई अनुवाद भी किए हैं। अनामिका इन दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती कॉलेज में अध्यापन कर रही हैं।

पांडेय शशिभूषण शीतांशु को भारत भारती पुरस्कार

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पांडेय शशिभूषण शीतांशु

उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ने वर्ष 2020 के लिए पांडेय शशिभूषण शीतांशु को भारत भारती पुरस्कार से सम्मानित किया। हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. सदानन्द गुप्त की अध्यक्षता में हुई पुरस्कार समिति की बैठक में भारत भारती सम्मान के लिए पांडेय शशिभूषण शीतांशु (Pandey Shashi Bhushan Sitanshu) को चुना गया। बता दें कि भारत भारती सम्मान (Bharat Bharti Samman) उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का सर्वोच्च सम्मान है। इस सम्मान से सम्मानित साहित्यकार को 8 लाख रुपये की राशि, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान किया जाता है।

नाटक ‘महाबली’ के लिए असगर वजाहत को व्यास सम्मान

असग़र वजाहत - भारतकोश, ज्ञान का हिन्दी महासागर
असगर वजाहत

वर्ष 2021 के व्यास सम्मान के लिए प्रख्यात लेखक असगर वजाहत (Asghar Wajahat) के नाटक ‘महाबली’ (Mahabali) को चुना गया। यह पुस्तक 2019 में प्रकाशित हुई थी। 31वें व्यास सम्मान के लिए इस कृति का चयन प्रसिद्ध हिंदी विद्वान प्रोफेसर रामजी तिवारी की अध्यक्षता मे्ं संचालित एक चयन समिति ने किया। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में पांच जुलाई, 1946 को जन्मे असगर वजाहत दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया के हिंदी विभाग में प्रोफेसर रहे हैं। उनके अनेक उपन्यास, नाटक, निबंध, कहानी-संग्रह और यात्रा-वृतांत प्रकाशित हो चुके हैं। असगर वजाहत को 2009-10 में हिंदी अकादमी, दिल्ली ने ‘श्रेष्ठ नाटककार’ के सम्मान से नवाज़ा था। उन्हें 2014 में नाट्य लेखन के लिए संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड और 2016 में दिल्ली हिंदी, अकादमी के सर्वोच्च शलाका सम्मान से भी सम्मानित किया गया था।

विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को 33वां मूर्तिदेवी पुरस्कार

विश्वनाथ प्रसाद तिवारी - भारतकोश, ज्ञान का हिन्दी महासागर
विश्वनाथ प्रसाद तिवारी

साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष और जाने माने कवि-आलोचक प्रोफेसर विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को भारतीय ज्ञानपीठ के प्रतिष्ठित 33वें मूर्तिदेवी पुरस्कार से नवाजा गया। प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को यह पुरस्कार उनकी कृति, ‘अस्ति व भवति’ के लिए दिया जा रहा है। जो 2014 में राष्ट्रीय पुस्तक, न्यास, दिल्ली से प्रकाशित हुई थी। प्रो. तिवारी गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में आचार्य और वर्ष 2013 से 2017 तक केंद्रीय साहित्य अकादमी, दिल्ली के अध्यक्ष रहे हैं। मूर्तिदेवी पुरस्कार भारतीय संविधान में स्वीकृत 22 भाषाओं में से किसी एक भाषा की चयनित कृति को दिया जाता है। इस पुरस्कार के निर्णायक मंडल में कई भाषाओं के सदस्य होते हैं। प्रो. तिवारी कृत ‘अस्ति व भवति’ उनके 50 से अधिक वर्षों के सार्वजनिक जीवन का आईना है। इसमें डॉ. तिवारी ने देश की समस्याओं, संकटों, विकास, राजनीतिक टकरावों, लेखकों के विचारों, वैश्वीकरण के दौर में बदले मूल्यों से लेकर घर-परिवार, गांव-दुनिया से जुड़ी स्मृतियों का जीवंत चित्रण प्रस्तुत किया है।

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