Turkey-Syria Earthquake: पांच दिनों तक भूखे-प्यासे मलबे में दबे रहे 2 बच्चे, बचावकर्मियों ने मौत के मुंह से बचाया

तुर्किए में भूकंप के बाद से बहुत से लोग अभी भी लापता हैं। वहीं अब तक करीब 24,000 से अधिक लोगों की जान चली गयी है। सीरिया में भी कई लोगों की जान गयी है।

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Turkey-Syria Earthquake
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Turkey-Syria Earthquake: भूकंप के कारण भयानक रूप से प्रभावित तुर्किए में पांच दिनों तक दो बच्चे बिना भोजन और पानी के मलबे के बीच जीवित मिले। बच्चों को उनके ही घर के मलबे से जिंदा बाहर निकाल लिया गया है। लोग इसे चमत्कार बता रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, बचावकर्मियों ने कहारनमारस में एक बहुमंजिला इमारत के मलबे के नीचे हलचल देखी, इसके बाद सभी रेस्क्यू में जुट गए। बता दें कि इस समय तुर्किए में भीषण ठंड पड़ रही है। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान भी ठंड का असर देखा जा रहा है। बचाव दल को बचाव कार्य में परेशानियों का सामना करना पर रहा है। हालांकि इसके बावजूद मौत के मंजर के बीच जिंदगी बचाई जा रही है।

Turkey-Syria Earthquake: कहारनमारस सबसे अधिक प्रभावित

सबसे गंभीर रूप से प्रभावित शहरों में से एक कहारनमारस है। यहां ठंड का कहर सबसे अधिक है। पेशेवर डॉक्टर, पैरामेडिक्स, सुरक्षाकर्मी और बचाव दल प्रतिकूल मौसम के बावजूद बचाए गए लोगों को त्वरित देखभाल प्रदान करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। डॉक्टरों को प्राथमिक उपचार के लिए एंबुलेंस के साथ तैयार किया गया था, जबकि बचाव दल तीन भाई-बहनों में से एक और अन्य बचे लोगों को सुरक्षा के लिए ले गए थे और पुलिस अधिकारियों को रास्ता साफ करने और अस्पताल तक त्वरित पहुंच के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाने के लिए तैयार किया गया था।

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अब तक 24000 लोगों की मौत

गौरतलब है कि तुर्किए में भूकंप के बाद से बहुत से लोग अभी भी लापता हैं। वहीं अब तक करीब 24,000 से अधिक लोगों की जान चली गयी है। सीरिया में भी कई लोगों की जान गयी है। सोमवार दोपहर बाद आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के कई झटकों ने, बहुमंजिला इमारतों, घरों, मॉल, और कार्यस्थलों को धूल और मलबे में बदल दिया गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में कहारनमारस, हटाई, गजियांटेप और नूरदागी शामिल हैं।

ध्वस्त घरों के कारण हजारों विस्थापित लोगों के लिए कहारनमारस में एक फुटबॉल स्टेडियम को पुनर्वास सुविधा में बदल दिया गया है। हालांकि, बचाव दल अभी भी मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं। बचाव दल ज़ीरो डिग्री तापमान में भी टूटे हुए कंक्रीट के टीले से जीवन के किसी भी संकेत की तलाश कर रहे हैं।

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