किसी भी धर्म से जुड़ी संस्कृती और त्योहार लोगों के बीच के फासलों को दूर करने का कार्य करता है। लेकिन शायद रमजान माह के पाक त्योहार ईद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विचारों को नहीं बदल पाया। मुस्लमानों के प्रति ट्रंप का रवैया कैसा है यह बात किसी से नहीं छुपा होगा? ट्रंप ने सत्ता संभालते ही सबसे पहले सात मुस्लिम देशों के नागरिकों को अमेरिकी वीजा प्राप्त करने पर रोक लगा दी। लेकिन इस बार उन्होंने व्हाइट हाउस में दो दशकों से चली आ रही परंपरा को भी तोड़ दिया। हुआ यूं कि रमजान के पाक महीने के दौरान जॉर्ज बुश से ओबामा तक के कार्यकाल के दौरान व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी के समारोह को मनाया जाता था लेकिन इस बार व्हाइट हाउस में न कोई सजावट की गई और न ही कोई इफ्तार समारोह आयोजन।

अमेरिकी समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार व्हाइट हाउस के एक कर्मचारी ने बताया है कि,’व्हाइट हाउस में इफ्तार समारोह का आयोजन लगभग दो दशको से मनाया जाता था। जिसकी तैयारी सभी कर्मचारी मिलकर जोरों शोरों से किया करते थे। लेकिन उन्हे कतई उम्मीद नहीं थी कि ट्रंप प्रसाशन इस परंपरा को भी तोड़ देगी।‘

उधर, शनिवार को व्हाइट हाउस से अमेरिकी विदेशमंत्री रेक्स टिलरसन एक संक्षिप्त बयान जारी कर कहा,’ईद-उल-फितर मना रहे सभी मुस्लिमों को हार्दिक शुभकामनाएं’, अमेरिका में रहने वाले मुस्लिमों ने रमज़ान के पाक महीने में दुनियाभर में फैले धर्मावलंबियों की ही तरह आस्था और परोपकार पर ध्यान केंद्रित किया। इस अवसर पर हमें दया, संवेदना और सद्भाव के महत्व को समझना है। दुनियाभर के मुस्लिमों के साथ अमेरिका भी इन मूल्यों का सम्मान करने की प्रतिबद्धता को दोहराता है, ईद मुबारक।’

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