‘जो आतंकी का साथ देते हैं उनसे बातचीत संभव नहीं’- विदेश मंत्री एस. जयशंकर की पाकिस्तान को दो टूक

नई दिल्ली को समस्याओं को हल करने वाले के रूप में देखा जाता है। - विदेश मंत्री

0
99
S Jaishankar: साइप्रस में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते विदेश मंत्री एस. जयशंकर S Jaishankar: साइप्रस में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते विदेश मंत्री एस. जयशंकर
S Jaishankar: साइप्रस में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते विदेश मंत्री एस. जयशंकर

S Jaishankar: साइप्रस में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रवासी भारतीयों से बातचीत करते हुए बिना नाम लिए पड़ोसी देश पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि भारत को बातचीत की मेज पर लाने के लिए आतंकवाद का इस्तेमाल हथियार के तौर पर नहीं किया जा सकता। विदेश मंत्री ने कहा “हम इसे कभी भी ,सामान्य नहीं करेंगे। हम कभी भी आतंकवाद को अनुमति नहीं देंगे कि वह हमें बातचीत की मेज पर आने के लिए मजबूर कर सके।” एस. जयशंकर ने आगे कहा कि हम हर किसी के साथ अच्छे पड़ोसी संबंध चाहते हैं, लेकिन अच्छे पड़ोसी संबंध रखने का यह मतलब नहीं कि आतंकवाद से आंखे चुरा लें या इसको लेकर बहाने बनाएं या आतंकवाद को सही बताने लगे। विदेश मंत्री ने कहा कि इन मामलों पर हम बहुत ही स्पष्ट हैं। उन्होंने सीमा पर चुनौतियों और समस्याओं की भी बात कही।

S Jaishankar: साइप्रस में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते विदेश मंत्री एस. जयशंकर
S Jaishankar: साइप्रस में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते विदेश मंत्री एस. जयशंकर

S Jaishankar ने कहा, कोरोना काल में सीमा पर बढ़ीं चुनौतियां

साइप्रस में प्रवासी भारतीयों से बातचीत करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सीमा पर चुनौतियों को लेकर भी अपनी बात कही। उन्होंने कहा “हमारे बार्डर पर चुनौतियां हैं। कोरोना काल में बार्डर पर चुनौतियां बढ़ गईं हैं। आप सभी जानते हैं कि आज चीन के साथ हमारे संबंधों की स्थिति सामान्य नहीं है। वे सामान्य नहीं हैं, क्योंकि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को एकतरफा बदलने के किसी भी कोशिश के लिए सहमत नहीं होंगे।” उन्होंने कहा कि इसलिए विदेश नीति के पक्ष में, राष्ट्रीय सुरक्षा के पक्ष में, मैं आपके साथ कूटनीति पर, विदेश नीति पर दृढ़ता की तस्वीर साझा कर सकता हूं।

साइप्रस के साथ भारत का 3 समझौता – विदेश मंत्री
एस. जयशंकर ने भारत के अपेक्षाओं के बारे में बात करते हुए कहा, बहुत सारी उम्मीदें हैं क्योंकि नई दिल्ली को समस्याओं को हल करने वाले के रूप में देखा जाता है। उन्होंने कहा कि भारत को एक मजबूत अर्थव्यवस्था और एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में देखा जाता है। विदेश मंत्री ने कहा कि साइप्रस के साथ भारत 3 समझौते पर बातचीत कर रहा है। रक्षा संचालन सहयोग, प्रवासन और गतिशीलता समझौता और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन पर समझौते की बात चल रही है।

अपनी बातचीत के दौरान एस. जयशंकर ने विदेशों में रह रहे प्रवासी भारतीयों के बारे में भी अपनी बातें कही। उन्होंने कहा “आज 30, 32, 33 मिलियन भारतीय, 3.3 करोड़ भारतीय और भारतीय मूल के लोग, जो विदेशों में रहते हैं, शायद लगभग दो में से एक गैर-नागरिक और नागरिक हैं। अब जब इतनी बड़ी संख्या में लोग विदेशों में रहते हैं और भारत को होने वाले लाभ हमें कई तरह से दिखाई दे रहे हैं। बड़ा मुद्दा जो उठता है, वह यह है कि भारत का दायित्व क्या है? भारत का दायित्व वास्तव में उनकी देखभाल करना है।” इस दौरान विदेश मंत्री ने विदेश मंत्रालय में अपने 40 सालों के अनुभव को भी साझा किया।

यह भी पढ़ेंः

भीषण सड़क हादसे के बाद क्या सच में चोरी हुआ Rishabh Pant का सामान? पुलिस ने सच से उठाया पर्दा

Coronavirus Outbreak in China: WHO ने चीन से मांगी कोरोना मरीजों की रिपोर्ट, कहा- मौतों से जुड़े सभी डेटा …

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here