Russia Ukraine War: रूस द्वारा दागे जा रहे मिसाइल के हमले को झेल रहे यूक्रेन (Ukrain) में अब तक 178 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 316 लोग बुरी तरह जख्मी हैं। चार करोड़ के आबादी वाला देश दुनिया का दूसरे सबसे ताकतवर देश रूस (Russia) का सामना कर रहा है। देश के आम नागरिक भी अपने कंट्री को बचाने के लिए हथियार का सहारा ले रहे हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने मीडिया से बात करते हुए 24 फरवरी को भरे मन से कहा था कि वे आखिरी सांस तक लड़ेंगे।
राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने भी यूक्रेन को बचाने के लिए हथियार उठा लिया है। लोग अपनी जान बचाने के लिए रेलवे स्टेशन का सहारा ले रहे हैं। सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रहीं हैं जिसे देखने के बाद सभी का दिल यूक्रेन के लिए रो रहा है।
Russia Ukraine War: तबाही की तस्वीरें
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले का आदेश दे दिया था। इससे पहले रूसी सैनिक पिछले 2 माह से युद्ध अभ्यास कर रहे थे। यूक्रेन के लोग पोलैंड से होते हुए अन्य देशों में शरण ले रहे हैं।
रूस यूक्रेन पर लगातार बमबारी कर रहा है। आम नागरिकों के घरों को भी निशाना बनाया जा रहा है। साथ ही सेना के कैंप को भी उड़ा दिया है।
घरों पर गिरते बम, दम तोड़ते लोग, जलते आशियानें की तस्वीरें बता रही हैं कि इंसान इंसान का कितना बड़ा दुश्मन बन गया है। एक सुंदर शहर को रूस ने राख में बदल दिया है।
ये यूक्रेन की सेना का कैंप है, जिसे रूस ने तोप से उड़ा दिया है। तस्वीर में महज जले हुए पेड़ और ईंट ही दिख रहे हैं। यूक्रेन से सामने आ रहीं तस्वीरें दिल को झकझोर देने वाली हैं।
यूक्रेनियन रूस की ताकत के सामने बेबस नजर आ रहे हैं। जिन्होंने दो देशों के वार के बीच अपनों को खो दिया है वे लाशों में जान लाने के लिए दुआ कर रहे हैं।
लोग अपने प्यारों को इस डर-मौत के साए से कहीं दूर लेकर जाना चाहते हैं। पर उन्हें उस सुरक्षित जगह की तलाश है जहां ये मौत का मंजर फिर दिखाई न दे।
रूस की सेना गोलाबारी करते हुए यूक्रेन की राजधानी Kyiv में प्रवेश करने में लगी है। राजधानी को बचाने के लिए यूक्रेन की सेना ने मेन ब्रिज को उड़ा दिया है।
Russia Ukraine War में एक सवाल, “हम कब मिलेंगे?”
यूक्रेन पर हो रहे हमले के बीच ये तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। लोग एक दूसरे से दूर हो रहे हैं। उन्हें पता नहीं है कि वे कब फिर मिलेंगे।
यूक्रेन की जनता जान बचाने के लिए जमीन के नीचे बने रेलवे स्टेशन पर शरण लेने के लिए मजबूर है। तस्वीर कुछ अलग नहीं है, ये 1939-45 की दुनिया में लेकर जाती है।
इस बुरे वक्त में भी लोग खुद के साथ लोगों को बचाने के लिए काम कर रहे हैं। यूक्रेन की जनता एक दूसरे का हाथ पकड़कर इस युद्ध में खड़ी है।
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