डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि दशको से चली आ रही रूस और अमेरिका के बीच की प्रतिद्वंदिता और तल्खी में कुछ नरमी आएगी, लेकिन ऐसा कहीं से भी होता नहीं दिख रहा है। अमेरिकी संसद द्वारा रूस पर लगाए गए ताजा प्रतिबंधों के बाद प्रतिक्रियास्वरूप रूस ने भी 755 अमेरिकी राजनयिकों को तुरंत रूस छोड़ने को कहा है। आदेश जारी करते हुए रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने यह भी कहा कि दोनों देशों के रिश्तों में अभी किसी भी सुधार की उम्मीद बेमानी है।

यह आधुनिक इतिहास में किसी भी देश से राजनयिकों का सबसे बड़ा निष्कासन है। इस निष्कासन के बाद रूस में अमरीकी कर्मचारियों की संख्या वाशिंगटन के बराबर 455 हो जाएगा।

grab6पुतिन ने रुसी चैनल ‘रूसिया वन’ पर प्रसारित साक्षात्कार में कहा, “हमने उम्मीद की थी कि स्थिति में थोड़ा बदलाव आएगा लेकिन अब लगता है कि यह बदलाव जल्दी नहीं आने वाला है। इसलिए मुझे लगता है कि समय आ गया है कि यह दिखाया जाए कि हम भी जवाब दे सकते हैं। रूस आतंकवाद और साइबर अपराध समेत विभिन्न मुद्दों पर अमेरिका के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है लेकिन दूसरे तरफ से हमें उम्मीद के मुताबिक सहयोग नहीं मिल रहा है। ऊपर से वे हम पर रोज आधारहीन आरोप लगते हैं।” इस निष्कासन के साथ रूस ने अमरीकी राजनयिकों द्वारा प्रयोग की जा रही हॉलिडे प्रॉपर्टी, मॉस्को समर हाउस और गोदाम को भी वापस ले लिया है।

इससे पहले शुक्रवार को रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि रूस में अमेरिकी राजनयिक कर्मियों की संख्या में एक सितंबर तक कमी लाई जाएगी। मंत्रालय ने कहा था कि वह अमेरिकी दूतावास को आदेश दे रहा है कि वह रूस में अपने दूतावास और महावाणिज्यदूतावास के कर्मियों की संख्या को 455 पर सीमित करे।

रूस के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए अमरीका ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। अमरीकी स्टेट डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने कहा, ‘हम इसके प्रभाव का आकलन कर रहे हैं और उस नीति पर भी विचार कर रहे हैं, जिससे इस कदम का जवाब दिया जा सके।’

आपको बता दें कि अमेरिकी कांग्रेस ने गुरुवार को रूस पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में संलिप्त रहने और यूक्रेन मामले में हस्तक्षेप का आरोप लगाकर रूस के विरुद्ध प्रतिबंधों को लेकर एक बिल पास किया था।

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