ये तो हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि नास्त्रेदमस ने 2018 के लिए कई ऐसी खतरनाक भविष्यवाणियां की हैं, जिनके सच होने से दुनिया में बर्बादी का ऐसा तूफान आएगा। जो अपने साथ इस पूरी दुनिया को तबाह कर ले जाएगा। 2018 के लिए आज से हजारो वर्ष पूर्व ही नास्त्रेदमस ने ऐसी भविष्यवाणियों की घोषणा कर दी थी। जिससे पूरी दुनिया तहस-नहस हो जायेगी।

इस बात की पुष्टि की ओर इशारा करते हैं भूकंप पर रिसर्च कर रही “जियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ अमेरिका” के आंकड़े। अमेरिका के वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुए कहा हैं कि अगले साल विनाशकारी भूकंपों की संख्या में एक बड़ी संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती हैं, जो इस दुनिया के लिए ऊचित नही है।

वैज्ञानिकों का मानना हैं कि पृथ्वी के घूर्णन गति में लगातार आ रहे बदलाव, विनाशकारी भूकम्पों के आने का कारण बन सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार पृथ्वी की घूर्णन गति का भूकंप से सीधा संबंध होता है। जिस वजह से भूकंप आने की आशंका बढ़ जाती है। वैज्ञानिकों के अनुसार घूर्णन गति में उतार-चढ़ाव होना मामूली बात है लेकिन इससे एक दिन में एक मिली सेंकंड का अंतर पड़ सकता है। लेकिन जब ये मामूली अंतर भारी मात्रा में भूगर्भीय ऊर्जा के साथ बाहर आता है, तब भयंकर तबाही मचाता है।

वैज्ञानिकों ने शोध के बाद बताया-पिछली सदी में पृथ्वी की घूर्णन गति में फर्क आने के कारण 7 मैग्नीट्यूड की तीव्रता वाले करीब 5 भूकंप आए थे। लेकिन पृथ्वी की रफ्तार में मामूली सी कमी आना भी भूकम्पों के आने की ओर इशारा करता हैं।

वैज्ञानिकों ने भूकम्पों के आने की चेतावनी तो दे दी हैं लेकिन अभी वैज्ञानिक साफ तौर से ये नहीं बता पा रहे हैं कि दुनिया के किन इलाकों में भूकंप आने की संभावना हैं। लेकिन भूमध्य रेखा के आसपास के इलाकों में दिन की लंबाई छोटी-बड़ी हो रही हैं जिससे भूकम्पों के आने की आशंका बढ़ रही हैं।

नास्त्रेदमस ने की थी ये जानलेवा भविष्यवाणियां-

नास्त्रेदमस ने अपने स्वलिखित किताब द प्रोफेसीज में तीसरे विश्व युद्ध की भविष्यवाणी की हैनास्त्रेदमस के अनुसार तीसरा विश्व युद्ध केवल दो देशों के बीच नहीं होगा बल्कि दो दिशाओं पूरब और पश्चिम दिशा के बीच तीसरे विश्व युद्ध का आगाज होगा। अमेरिका और कोरिया के बीच युद्ध छिड़ सकता हैं। नास्त्रेदमस के अनुसार, 2018 में सभी मृत आत्माएं अपनी कब्र से बाहर आ जाएंगी जिससे पूरी दुनिया में तबाही की लहर दौड़ेगी। 2018 में कई प्राकृतिक आपदाये निश्चित रूप से होगी, जिसमें आदमी-आदमी को मारेंगे और युद्ध की समाप्ति के बाद सिर्फ कुछ ही लोग शांति का आनंद उठाने के लिए जिंदा बचेंगे। आसमान से उड़ती हुई आग की गेंदे जमीन पर गिरेंगी और लोग कुछ नहीं कर पायेंगे। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के लगातार परमाणु परीक्षणों से लगातार इस बात का डर बना ही हुआ है

दोनों में अंतर ये है कि नास्त्रेदमस ने 2018 में तीसरे विश्व युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं के होने की चेतावनी दी हैं जबकि जियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ अमेरिका के वैज्ञानिकों ने 2018 में विनाशकारी भूकम्पों के आने की संभावना जताई हैं। दोनों में से किसी की भी चेतावनी सच साबित हो, दुनिया में तबाही का सैलाब आना तो निश्चित हैं।

वैज्ञानिकों ने सालों पहले वार्निंग देने का किया दावा-

वैज्ञानिकों ने दावा करते हुए कहा हैं, कि भूकंप से जुड़े खतरों के लिए से जुड़ी अग्रिम चेतावनी पांच-छह साल पहले दी जा सकती हैं। चेतावनी देने के लिए दिन की लंबाई अहम भूमिका निभा सकती है। जिसके जरिए आपदा प्रबंधन की तैयारी की जा सकेंगी।

रेबेका और रोजर ने कहा कि पिछली सदी में पांच बार आए बड़े भूकंपों का सीधा संबंध पृथ्वी की घूर्णन गति से था। पृथ्वी के केंद्र में मौजूद उच्च तापमान वाले तरल पदार्थ में होने वाले छोटे-मोटे बदलाव से भी भूकंप का संबंध हो सकता हैं।

अब देखने वाली बात ये होगी कि आगामी वर्ष 2018 इस दुनिया के लिए बर्बादी का कौन सा तूफान साथ लेकर आता हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here