मंगलवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा को संबोधित करते हुए इराक के मोसुल में लापता हुए 39 भारतीयों के मृत होने की पुष्टि की। राज्यसभा में सुषमा स्वराज ने कहा, बहुत दुःख की बात है लेकिन बताना ही पड़ेगा कि 3 साल बाद 39 अगवा भारतीयों का पता लग चुका है और आज मैं उन सभी के इराक में मारे जाने की खबर की पुष्टि करती हूं। इस दौरान उन्होंने बताया, कि 39 भारतीयों की हत्या आईएसआईएस ने की है और उन्हें बंधक बनाए जाने की कहानी झूठी थी।

सुषमा स्वराज ने सदन में कहा, कि सभी के डीएनए मिलाए जा चुके हैं और पार्थिव शरीरों को जल्द ही उनके परिवारवालों को सौंप दिया जाएगा। बता दे, इससे पहले सदन में विपक्ष द्वारा हंगामा किए जाने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था, कि जब तक मुझे पक्के तौर पर इस बात का सबूत नहीं मिल जाता, तब तक लापता लोगों को मृत घोषित नहीं किया जाएगा।

मंगलवार को सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में बताया कि सोमवार को हमें इराक सरकार की ओर से सूचना दी गई है कि 38 मृत लोगों के डीएनए 100 फीसदी तक मिल गए हैं, जबकि एक व्यक्ति का 70 फीसदी तक डीएनए मिला है। उन्होंने बताया कि पक्के सबूत के साथ क्लोजर भी होगा और जब मृत परिवार के लोगों को पार्थिव शरीर सौंपा जाएगा, तभी साथ में क्लोजर रिपोर्ट भी दे दी जाएगी।

इस दौरान सुषमा स्वराज ने इराक सरकार की तारीफ करते हुए कहा, कि मैं इराक सरकार का बहुत आभार व्यक्त करना चाहती हूं कि उन्होंने लापता भारतीयों को ढूंढने में हमारी इतनी मदद की। इस दौरान उन्होंने जनरल वीके सिंह का शुक्रियादा करते हुए कहा, कि जब हमने कई बार मोसुल और बगदाद की यात्राएं की थी तब हम इराक के कई गांव गए थे, तब हम जनरल सिंह गांव के एक छोटे कमरे में जमीन पर सोए, लेकिन लापता लोगों के मृत होने का पुख्ता प्रमाण लेकर ही लौटे। उन्होंने हमारी इतनी मदद की इसके लिए बहुत बहुत आभार।

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